इंदौर। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक झड़ते बालों से हर कोई परेशान है. यही वजह है कि इस समस्या का समाधान न मिलने पर दुनिया भर के लोग अब गंजेपन को लेकर तरह-तरह की हेयर स्टाइल के लिए हेयर विग का सहारा ले रहे हैं. इतना ही नहीं विभिन्न कारणों से अपने बाल खो चुके गंजों के बीच हेयर विग अब स्टेटस सिंबल बन चुका है. यही वजह है कि मध्य प्रदेश में ही नकली बाल लगाने का कारोबार अब करोड़ों के आंकड़े को भी पार कर गया है.
देशभर में गंजेपन से जूझ रहे लोग: दरअसल प्रदूषण समेत स्वास्थ्य आधारित अनुवांशिक कारणों से देशभर में गंजेपन का शिकार लोगों की तादाद लगातार बढ़ रही है. इनमें 17 साल के युवा से लेकर 70 साल के बुजुर्ग शामिल हैं. इतना ही नहीं कैंसर का शिकार होने वाली वे महिला मरीज जो कीमोथेरेपी के कारण अपने बाल खो देती हैं वह भी गंजेपन की त्रासदी से जूझ रही हैं. कोरोना काल के बाद देशभर में तेजी से लोग गंजेपन का शिकार हुए हैं. इन हालातों में अब ऐसे तमाम लोगों के लिए हेयर विग लगाने का कारोबार उनके स्टेटस सिंबल का सहारा है.
स्टेटस सिंबल बना हेयर विग:मध्य प्रदेश में ही बीते एक दशक में एक हजार के करीब इकाइयां स्थापित हो चुकी हैं जो लोगों को गंजेपन से मुक्ति दिलाकर उन्हें हेयर बिग लगा रही हैं. इंदौर जैसे शहर में इस कारोबार से जुड़े दीपक सोनी बताते हैं कि ''किसी जमाने में नकली बाल लगाने को अच्छा नहीं माना जाता था. लेकिन अब हेयर विग और स्टाइलिश हेयर, युवा से लेकर प्रौढ़ और बुजुर्गों तक के स्टेटस सिंबल बन चुके हैं, जिसकी मांग तेजी से बढ़ी है. इंदौर में ही स्थिति यह है कि शहर का हर पांचवा व्यक्ति अब गंजेपन के कारण हेयर विग लगाकर अपनी हेयर स्टाइल को बरकरार रखे हुए है''.