इंदौर।महीनों तक चले लॉकडाउन में कई लोगों की कमर टूट चुकी है, कई छोटे व्यापारी लगातार संघर्ष कर जीवन यापन कर रहे हैं. इसी कड़ी में इंदौर जिले के बैंड बाजा एसोसिएशन ने जिला प्रशासन से मांग की है कि कुछ नियम और कायदे बनाकर उन्हें भी कार्यक्रमों में शिरकत करने की अनुमति दी जाए, अगर जिला प्रशासन उनकी मांगों को नहीं मानता है तो उन्हें आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.
जिला प्रशासन से लगाई मदद की गुहार
इंदौर के बैंड बाजे का इतिहास पुराना है, होलकर काल से इंदौर में बैंड बाजे का चलन है, जब इंदौर के होलकर राजा किसी कार्यक्रम का आयोजन करते थे तो बैंड बाजे का उपयोग खूब होता था, लेकिन लॉकडाउन के कारण बैंड बाजा वालों के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है. अब तक जैसे तैसे इन लोगों ने गुजर-बसर किया, अब इनके हाथ भी मजबूर हो गए हैं. जिसके बाद उन्होंने जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.
इंदौर में बैंड बाजे की करीब 150 से अधिक रजिस्टर्ड दुकानें हैं और हजारों लोग इससे जुड़े हुए हैं. जो शादी और धार्मिक कार्यक्रमों में बैंड बजाने का काम करते हैं. बीते दो महीनों से बैड संचालकों ने अपने यहां काम कर रहे कर्मचारियों की विभिन्न तरह से मदद की, लेकिन अब उनकी स्थिति भी दयनीय हो गई है, जिसके बाद उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि उन्हें भी कुछ नियम और कायदे बनाकर धार्मिक कार्यक्रमों के साथ ही शादी कार्यक्रम में शिरकत करने की अनुमति दी जाए.
बैंड बाजा एसोसिएशन ने जिला प्रशासन से की मांग