इंदौर।वैश्विक महामारी कोरोना के इलाज के लिए जहां पूरी दुनिया एलोपैथिक इलाज के भरोसे है. भारत में एलोपैथी के साथ आयुर्वेद होम्योपैथी और यूनानी चिकित्सा की प्राचीन उपचार विधियां भी कोरोना के खिलाफ कारगर साबित हो रही हैं, यही वजह है कि इस महामारी के दौर में पहली बार मध्यप्रदेश के तमाम सरकारी अस्पतालों में एलोपैथिक दवाइयों के साथ आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी दवाइयां भी मरीजों की जान बचाने के लिए दी जा रही हैं, जिसकी बदौलत यहां मरीजों का रिकवरी रेट अन्य राज्यों की तुलना में अधिक है.
कोरोना पर वार, कितना असरदार फिलहाल आयुष विभाग के अंतर्गत आने वाली इंदौर संभाग की 294 डिस्पेंसरी और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लाखों लोगों को आयुर्वेदिक होम्योपैथिक और यूनानी दवाइयां कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए दी जा रही हैं दरअसल जब कोरोनावायरस फैलते ही 3 मार्च के बाद से एलोपैथिक इलाज में कोरोनावायरस की पड़ताल की गई तो पता चला हाइड्रोक्सी क्लोरीन के अलावा एलोपैथिक में कोई भी दवाई ऐसी नहीं है जो मरीज को कोरोना के संक्रमण की स्थिति में बचाव के लिए दी जा सके, इसी दौरान भारत सरकार के आयुष विभाग, आईसीएमआर और डब्ल्यूएचओ के डॉक्टरों ने वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद होम्योपैथी और यूनानी में करीब आधा दर्जन तरह की ऐसी दवाई शासन को बताई जिन से 12 तरह का संक्रामक वायरस से होने वाले बुखार और संक्रमण के कारण ही होने वाले सर्दी जुखाम से प्रभावी बचाव होता है.
आयुर्वेद में प्रीवेंटिव दवाओं के रूप में देश के विभिन्न राज्यों के अलावा मध्यप्रदेश में आयुर्वेद होम्योपैथी और यूनानी दवाओं का वितरण कोरोना संक्रमण में प्रीवेंटिव दवा के रूप में हो रहा है. इधर मध्यप्रदेश शासन ने 27 अप्रैल को जीवन अमृत योजना लागू करते हुए कोरोना प्रभावित इलाकों में त्रिकटु काढ़ा और आर्सेनिक एल्बम 30 समेत यूनानी दवाओं का वितरण शुरू किया है, जिसके प्रभावी परिणाम सामने आ रहे हैं. आयुष विभाग के मुताबिक इंदौर जिले में 11 लाख लाभार्थियों को इन दवाओं का लाभ दिया गया है, इसके अलावा अब आरोग्य कसायम काढ़ा क्वॉरेंटाइन इलाकों में आयुष विभाग के कॉलेजों में तैयार करके वितरित कराया जा रहा है. विभाग का दावा है कि जिन इलाकों में आयुष विभाग दवाइयों का वितरण कर रहा है, उसमें संक्रमित मरीजों की संख्या प्रभावी रूप से कम हो रही है.
इन दवाओं का हो रहा है वितरण
आयुर्वेदिक दवा के रूप में त्रिकटु चूर्ण के अलावा विभिन्न औषधियों से तैयार करा दिया जा रहा है. इंदौर में फिलहाल 28 हजार 700 पैकेट त्रिकटु चूर्ण 7000 पाउच काढ़ा के अलावा बड़ी संख्या में अणु तेल का वितरण किया गया है, इसके अलावा संशमणि बूटी भी बांटी जा रही है. होम्योपैथिक दवाओं में आर्सेनिक एल्बम 30 का व्यापक क्षेत्र में वितरण किया जा रहा है. यूनानी दवा के रूप में तिर्यक-ए-नजला, शरबत-ए-उन्नाव और हब्ब-ए-बुखार का वितरण किया जा रहा है, फिलहाल इंदौर में 68 लाख 6300 पैकेट पाउच दवाओं का वितरण हो चुका है.