इंदौर। इंदौर से तकरीबन 80 किलोमीटर दूर धार में भोजशाला मंदिर का विवाद काफी सालों से चला आ रहा है. इस पूरे विवाद को लेकर हिंदू पक्ष की ओर से हरिशंकर जैन अधिवक्ता के माध्यम से एक याचिका इंदौर हाई कोर्ट में दायर की गई. याचिका के माध्यम से यह बात कोर्ट के समक्ष रखी गई कि वह मंदिर परिसर हिंदुओं को पूर्ण रूप से दे दिया जाए. साथ ही मंदिर परिसर के अंदर जिस तरह से मुसलमान नमाज पढ़ रहे हैं, उन्हें रोका जाए.
याचिका में भोजशाला की 33 फोटो :इस पूरे मामले में याचिकाकर्ता हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस की अध्यक्ष रंजना अग्निहोत्री, कुलदीप तिवारी, मोहित गर्ग ,आशीष गोयल सुनील शाश्वत, रोहित खंडेलवाल हैं. न्यायालय ने याचिका स्वीकार कर संबंधित पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. बता दें कि इंदौर हाई कोर्ट ने भारत सरकार के पुरातत्व विभाग, कमाल मौला सोसाइटी को नोटिस जारी किए हैं. याचिका में भोजशाला की 33 फोटो दाखिल की गई हैं. इसमें देवी देवताओं के चित्र व संस्कृत के श्लोक लिखे हुए हैं.
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अब जवाब का इंतजार :याचिका में वाग देवी की प्रतिमा जोकि लंदन स्थित संग्रहालय में रखी हुई है, उसे वापस लाने की भी मांग की गई है. इस बारे में याचिकाकर्ता अंजना अग्निहोत्री ने बताया कि न्यायालय ने याचिका को स्वीकार कर संबंधित को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. बता दें कि अब आगे आने वाले दिनों में कोर्ट में क्या जवाब पेश किया जाता है, इस पर सबकी नजरें हैं.
हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिसःइस मामले को लेकर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने केंद्र, राज्य सरकार और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को नोटिस जारी किया है. इसमें राज्य के धार जिले में स्थित भोजशाला परिसर को हिंदुओं के लिए पुनः प्राप्त करने और मुसलमानों को इसके परिसर में नमाज अदा करने से रोकने की मांग की गई थी. अधिवक्ता हरि शंकर जैन ने तर्क दिया था कि याचिका 2003 की एक एएसआई अधिसूचना को चुनौती देती है. इसमें मुसलमानों को भोजशाला परिसर के भीतर नमाज अदा करने की अनुमति दी गई थी. इसके साथ ही हिंदुओं के इस परिसर में पूजा करने के अधिकार को प्रतिबंधित किया गया था.
(Petition approved in the High Court) (Case of temple in Bhojshala of Dhar) (Notice to the parties concerned)