इंदौर।देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में शुक्रवार को कार्यपरिषद की बैठक आयोजित की गई. बैठक में विश्वविद्यालय से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई और एजेंडे में निर्धारित मुद्दों को रखा गया. कुलपति रेणु जैन के अनुसार कार्यपरिषद की बैठक में वित्त समिति द्वारा रखे गए सभी प्रस्तावों को सहमति मिल रही है. इन प्रस्तावों के माध्यम से करीब एक करोड़ से भी अधिक की राशि के कामों को स्वीकृति मिली है. जिनमें आईटी विभाग में तकनीकी रखरखाव फर्नीचर व अन्य कामों को लेकर सहमति जताई गई है समिति के सामने इन कामों को लेकर वित्त समिति द्वारा प्रस्ताव रखे गए थे.
DAVV में कार्यपरिषद की बैठक विश्वविद्यालय में हुई रेक्टर की नियुक्ति
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में लंबे समय के बाद रेक्टर की नियुक्ति की गई है. रेक्टर पद पर कार्यपरिषद की सहमति से विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ अशोक शर्मा को नियुक्त किया गया है. विश्वविद्यालय में रेक्टर की नियुक्ति मानी जाती है. विश्वविद्यालय में पूर्व में हुई कार्यपरिषद की बैठक में भी रेक्टर नियुक्ति को लेकर प्रस्ताव रखा गया था. जिसे आगामी कार्य परिषद में रखने की बात कही गई थी. जिसके बाद अब रेक्टर की नियुक्ति पर सहमति दी गई है.
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय
विभागों के हेड के रोटेशन को लेकर हुआ हंगामा
कार्यपरिषद के सदस्य द्वारा विश्वविद्यालय की यूटीडी विभाग में विभिन्न विभागों के हेड के रोटेशन की प्रक्रिया नियमित रूप से करने की बात रखी गई. वहीं सवाल किया गया कि लंबे समय से विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में हेड का रोटेशन नहीं किया गया है. जो जल्द किया जाए साथ ही विश्वविद्यालय के डीसी के पद पर भी रोटेशन करने की बात की गई. जिसे लेकर जमकर हंगामा हुआ. मामले में कुलपति ने आगामी कार्य परिषद की बैठक में निर्णय लेने का कहा.
कार्यपरिषद की बैठक में सहमति के बाद शुरू किए जाते हैं काम
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय विभिन्न कामों को लेकर तैयार की जाने वाली योजना को कार्यपरिषद की बैठक में रखा जाता है. कार्यपरिषद में रखे जाने के बाद परिषद के सदस्यों द्वारा सहमति दिए जाने के बाद ही इन कामों को शुरू किया जाता है. विश्वविद्यालय में कार्यपरिषद की बैठक में जहां विभिन्न कामों को सहमति मिली. वहीं कई प्रस्तावों को आगामी बैठक के लिए रोका गया. बता दें कि यह बैठक दूसरी बार आयोजित की गई थी. इससे पूर्व यह बैठक 25 नवंबर को आयोजित की गई थी. विश्वविद्यालय में बीते करीब एक साल से भी अधिक समय से कार्य परिषद भंग थी. कार्य परिषद का गठन कुछ समय पूर्व ही किया गया था.