इंदौर।लॉकडाउन जब शुरू हुआ था तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समस्त बीजेपी कार्यकर्ताओं से आग्रह किया था कि वो अपने-अपने क्षेत्रों के 5 घरों की जवाबदारी लें. इसी के चलते इंदौर में अहिल्या की रसोई का निर्माण किया गया और अहिल्या की रसोई से रोजाना जरूरतमंदों तक खाना पहुंचाया गया. ये सिलसिला 31 मई तक लगातार जारी रहा और कई लोगों को जरूरत के सामान के साथ भोजन भी उपलब्ध करवाया गया.
इसी कड़ी में जहां बीजेपी के द्वारा एक अभियान चलाया गया और समस्त जरूरतमंदों तक राशन पहुंचाया गया, वहीं दूसरी ओर इंदौर में अहिल्या की रसोई का निर्माण भी किया गया. इस रसोई से रोजाना जरूरतमंदों तक भोजन के पैकेट व अन्य जरूरत का सामान पहुंचाया गया. तीन महीनों से चले आ रहे लॉकडाउन में अहिल्या की रसोई से रोजाना जरूरतमंदों तक भोजन पहुंचाया गया. इसी के साथ इस दौरान फील्ड पर तैनात पुलिसकर्मी और नगर निगम कर्मचारियों को काढ़ा, चाय के साथ ही नाश्ते की भी व्यवस्था रसोई के माध्यम से करवायी गयी. वहीं लॉकडाउन में जो राहत दी गई उसके बाद जो भी जरूरतमंद रसोई तक पहुंचेगा उसे जरूरत का सामान उपलब्ध करवा दिया जाएगा. वहीं अहिल्या की रसोई में जो सामान बनता था, वो भी आसपास के लोगों के द्वारा इकट्ठा किया जाता था. फिर उसे बनाकर जरूरतमंदों तक पहुंचा दिया जाता था. इसी के साथ जो लोग इस रसोई में काम करते थे, वो भी समाज के लोग ही थे जो बारी-बारी से आकर यहां पर अपनी सेवाएं देकर चले आते थे.बता दें इंदौर में कई लोग ऐसे थे जो जरूरतमंदों की मदद करने के लिए अपने स्तर पर अलग-अलग तरह की योजना बनाकर काम कर रहे थे. यही कारण रहा कि इंदौर में जरूरतमंदों को लॉकडाउन के दौरान किसी तरह की कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा. आज से इंदौर के कई क्षेत्रों में राहत मिल गई है, तो उन जरूरतमंदों को अब रोजगार भी मिलना शुरू हो जाएगा. जो समस्या बीते दिनों से इंदौर में सामने आ रही थी, उसका समापन हो जाएगा.