इंदौर।देशभर में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लगाया गया लॉकडाउन अब अनलॉक में बदल गया है, लेकिन अभी भी कई चीजें पटरी पर नहीं लौट पाई हैं. ऐसा ही हाल है देशभर के उपज मंडियों का जो कुछ जगहों पर खुल रही हैं, तो कुछ जगहों पर अभी भी बंद रखी गई हैं, जिसमें इंदौर की मंडी भी शामिल है, जहां लगातार बढ़ रहे संक्रमण के चलते मंडियों को भी बंद रखा गया है. जिसका खामियाजा व्यापारियों और किसानों को तो उठाना ही पड़ रहा है, इसका अच्छा खासा असर सरकार को मिलने वाले राजस्व पर भी पड़ रहा है.
अनलॉक में भी बंद पड़ी कृषि उपज मंडी प्रशासन को 5 करोड़ का घाटा
प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर की मंडियों को बंद रखने के निर्णय से प्रशासन को भी काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. पिछले साल की तुलना में इस साल मंडी से मिलने वाला राजस्व आधे से भी कम हो गया है. यदि जून की बात की जाए तो प्रशासन को एक करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है. पिछले साल अप्रैल से जून तक में कृषि उपज मंडी समिति को 13 करोड़ से अधिक का राजस्व मिला था, जो की इस साल घटकर मात्र 5 करोड़ रुपये रह गया है. वहीं मंडी से जुड़े अन्य लोगों को भी इससे काफी नुकसान हो रहा है.
दोबारा बंद हुई हैं मंडियां
इंदौर में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के चलते अभी भी इन मंडियों को बंद रखा गया है, जबकि शहर के कई अन्य व्यापार और व्यवसाय चालू कर दिए गए हैं. इंदौर जिला प्रशासन ने व्यापारियों के साथ मिलकर मंडी को शुरू करने का निर्णय लिया था और इसके लिए कुछ नियम भी बनाए गए थे, लेकिन मंडी चालू होने पर इन नियमों का जमकर उल्लंघन हुआ और मंडी में भीड़ उमड़ने लगी, जिसके बाद प्रशासन को मजबूरन मंड़ी दोबारा बंद करनी पड़ी.
मंडियों का दोबारा खुलना मुश्किल
पहले लॉकडाउन और उसके बाद संक्रमण फैलने के डर के चलते इन मंडियों को बंद किया गया है. मंडी बंद होने के कारण व्यापार तो पूरी तरह से ठप पड़ ही गया है साथ ही किसान भी अपनी उपज को बेचने के लिए परेशान हो रहा है. लेकिन प्रशासन फिलहाल अभी को मंडियों को दोबारो खोलने के मूड में नहीं है.
किसान की मेहनत का हो रहा नुकसान
मंडियों को चालू करने के लिए व्यापारियों और प्रशासन के बीच लगातार बातचीत चल रही है, लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी इस दौरान किसानों को उठाना पड़ रही है. किसानों को मंडी बंद होने के कारण अपनी फसल अन्य व्यापारियों के पास बेचना पड़ रही है, जिससे उसे उसकी मेहनत का सही दाम भी नहीं मिल पा रहा है.