इंदौर।प्रदेश में बर्ड फ्लू से सैकड़ों कौओं की मौत के बाद अब कबूतरों पर बर्ड फ्लू का खतरा मंडराने लगा है, इंदौर में आलम यह है कि यहां प्रतिदिन दो से चार कबूतरों की मौत हो रही है, जिन्हें बचाने के लिए अब दाना पानी के साथ एंटीबायोटिक दवाइयां दी जा रही हैं.
एक सप्ताह में 304 पक्षियों की मौत - एक सप्ताह में 304 पक्षियों की
इंदौर जिले में बीते सप्ताह भर से लगातार हो रही पक्षियों की मौतों के चलते अब तक यहां 304 पक्षियों की बर्ड फ्लू के कारण मौत हो चुकी है, इनमें कौओं के अलावा कबूतर, बतख, टिटहरी, बगुला और बाज भी शामिल हैं यह तमाम पक्षी h5n8 कहे जाने वाले बर्ड फ्लू के वायरस के संक्रमण के शिकार हो रहे हैं.
- पशुपालन विभाग करा रहा दवाइयों का छिड़काव
आशंका जताई जा रही है कि मध्य प्रदेश में क्योंकि कबूतर बड़ी संख्या में हैं, ऐसे में यदि संक्रमण व्यापक तौर पर फैला तो बड़ी संख्या में कबूतरों की मौत हो सकती है, इस स्थिति से परेशान पशुपालन विभाग पक्षियों की मौजूदगी वाले स्थानों पर वायरस से बचने की दवा का छिड़काव करवा रहा है, इसके अलावा पक्षियों को दाना पानी के साथ एंटीवायरस दवाएं भी दी जा रही हैं, फिलहाल जिले में जहां जहां से पक्षियों की मौत की खबर आ रही है, वहां विभाग की टीम भेजकर पक्षियों को प्रोटोकॉल के तहत दफनाया जा रहा है, हालांकि पशुपालन विभाग का दावा है कि यह संक्रमण मानव शरीर के लिए उतना घातक नहीं है, इधर इंदौर के अलावा उज्जैन खरगोन देवास समेत शिवपुरी के विभिन्न इलाकों में भी बड़ी संख्या में कबूतरों की मौत हो चुकी है.
- लगातार हो रही कबूतरों की मौत
अब पशुपालन विभाग पक्षियों की अधिकता वाले इलाकों में पानी और हटाने के साथ एंटीबायोटिक दवा का छिड़काव करवा रहा है, दरअसल इंदौर के अलावा खरगोन उज्जैन और शिवपुरी समेत अन्य जिलों से भेजे गए कबूतरों की कुछ रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है, जबकि इंदौर से कबूतरों के जो सैंपल भेजे गए थे, फिलहाल उनकी रिपोर्ट नेगेटिव बताई गई है, लेकिन अन्य जिलों के बाद जिस तरह इंदौर में कबूतरों की मौत हो रही है, इससे विभाग की चिंताएं खासी बढ़ गई हैं.