इंदौर। पाकिस्तान से लौटी गीता उसके परिवार से मिलाने के लिए इंदौर पुलिस कई तरह के जतन कर रही है. इसी कड़ी में आज तेलंगाना से एक परिवार गीता से मुलाकात करने के लिए आया और उन्होंने गीता से मुलाकात की है इस दौरान तेलंगाना का परिवार कई तरह के फोटो भी साथ में लाया था लेकिन, फोटो के आधार पर गीता ने परिवार को पहचानने से मना कर दिया. परिवार का मानना है कि गीता हमारी बेटी है, जो काफी पहले हमसे बिछड़ गई थी.
अब परिवार की मांग पर गीता तेलंगाना जाएगी और वहां पर जिस गांव का जिक्र किया जा रहा है, उसको देखेगी वहीं प्रशासन तेलंगाना से आए परिजनों का डीएनए करवाएगा. उसके बाद ही साबित होगा कि तेलंगाना से आया परिवार गीता का परिवार है कि नहीं वहीं यह भी बताया जा रहा है कि अभी दो और परिवार गीता को अपनी बेटी बता चुका है और वह भी जल्द इंदौर आकर अपना पक्ष रखेगा.
सबसे पहले तेलंगाना की दंपति पहुंची इंदौर
पुलिस प्रशासन गीता को उसके परिजनों से मुलाकात करवाने के लिए कई तरह के जतन कर रही है, वहीं जिस तरह से पूरे देश में गीता के अलग-अलग तरह के फोटोग्राफ वितरित किए गए हैं और उसके बारे में विभिन्न तरह से प्रचार-प्रसार हो रहा है. उसकी जानकारी तेलंगाना के पडपल्ली जिला के तारपल्ली गांव के बुल्ली स्वामी और बुल्ली श्यामसुंदर आज इंदौर पहुंचे और उन्होंने गीता को अपनी बेटी होने का हक जताया. बुल्ली स्वामी और बुल्ली श्यामसुंदर ने बताया कि जिस तरह से गीता विभिन्न तरह की जानकारी दे रही है, यहां सभी जानकारी उनकी गुम हुई बेटी से मिलती जुलती है. तेलंगाना से आए परिवार और गीता के बीच साइन लैंग्वेज के माध्यम से ज्ञानेंद्र पुरोहित ने बातचीत भी की इस दौरान गीता ने कई तरह के तथ्य रखे हैं. तेलंगाना से आए परिवार ने भी कई तरह की बातों का जिक्र गीता के सामने किया, इस दौरान तेलंगाना से आए परिजनों के पास कई तरह के पुराने फोटोग्राफ्स भी थे, जिसके आधार पर वह दावा कर रहे हैं कि गीता जब छोटी थी तो इस तरह से नजर आती थी, लेकिन थोड़ी देर बात करने के बाद ही गीता ने तेलंगाना से आए परिवार के लोगों को पहचानने से इंकार कर दिया, उसका कहना था कि वह अपने पिता के चेहरे को अच्छे से जानती है और बुल्ली स्वामी का चेहरा उनके पिता से नहीं मिलता.
डीआईजी ने भी की तेलंगाना आये लोगो से बात
बता दें गीता को अपनी बेटी बताने वाले परिजनों से इंदौर डीआईजी हरिनारायण चारी मिश्र ने भी मुलाकात की वहीं हरिनारायण चारि मिश्र ने तेलंगाना से आए व्यक्तियों से काफी बारीकी से पूछताछ की, गीता से भी इस दौरान बंद कमरे में काफी देर बात करने के बाद इंदौर डीआईजी का कहना है कि गीता को फिर से तेलंगाना ले जाया जाएगा, जहां पर दो-तीन एरिया और बाकी हैं, वहां उसकी तफ्तीश करवाई जाएगी. जिस परिवार ने गीता को अपनी बेटी होने का दावा किया है, उसका अब डीएनए भी करवाया जाएगा. गीता तकरीबन 15 से 20 साल पहले अपने परिजनों से बिछड़ गई थी जिसके कारण उसको उसके परिजनों का हुलिया भी ठीक से ध्यान नहीं है. जो परिजन आए हैं उन्होंने पुख्ता तौर पर गीता को अपनी बेटी होने का दावा किया है, फिलहाल इस पूरे ही मामले में काफी बारीकी से जांच पड़ताल करने के बाद ही गीता को उसके परिजन के सुपुर्द किया जाएगा फिलहाल प्रारंभिक तौर पर गीता ने भी तेलंगाना से आए परिजनों को पहचानने से इनकार कर दिया.
फिलहाल, जिस तरह से तेलंगाना के एक परिवार ने पाकिस्तान से आई गीता को अपनी बेटी बताया है, इसी तरह से अलग-अलग तरह की जानकारियों के आधार पर दो और परिवारों ने गीता को अपनी बेटी होने का दावा किया है और वह भी जल्द इंदौर आकर गीता से मुलाकात करेंगे. फिलहाल, आने वाले दिनों में कई और परिवार भी गीता को अपनी बेटी होने का दावा कर सकते हैं. अभी तक गीता को कुल 24 दंपति ने अपनी बेटी होने का दावा किया था, लेकिन किसी भी दंपति का डीएनए गीता के डीएनए से मैच नहीं हुआ.
इंदौर में रहती है गीता
दिव्यांगों की मदद के लिए इंदौर में चलाई जा रही आनंद सर्विस सोसायटी गीता की देख-रेख कर रही है. मध्य प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं नि:शक्त जन कल्याण विभाग द्वारा इस गैर सरकारी संगठन को मूक-बधिर युवती के बिछड़े परिवार की खोज का जिम्मा भी सौंपा गया है. संगठन के सांकेतिक भाषा विशेषज्ञ ज्ञानेंद्र पुरोहित गीता के परिवार की खोज के लिए महाराष्ट्र के मराठवाड़ा और तेलंगाना के सीमावर्ती इलाकों में गीता के बिछड़े परिवार को ढूंढ़ने की कोशिश की थी. पुरोहित ने बताया कि इशारों की जुबान में गीता से कई दौर की बातचीत के दौरान संकेत मिले हैं कि उसका मूल निवास स्थान मराठवाड़ा और तेलंगाना के सीमावर्ती इलाकों में हो सकता है, जहां वह लगभग दो दशक पहले अपने परिवार से बिछड़कर रेल से पाकिस्तान पहुंच गई थी.
महाराष्ट्र पुलिस भी कर रही मदद
महाराष्ट्र पुलिस भी गीता के परिवार की खोज में उसकी मदद कर रही है. यात्रा के दौरान औरंगाबाद पुलिस की महिला शाखा में तैनात वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक किरण पाटिल ने फोन पर बताया था कि 'हम औरंगाबाद और इसके आस-पास के इलाकों में गुजरे 20 साल के दौरान लापता मूक-बधिर बच्चों का रिकॉर्ड खंगाल रहे हैं. हो सकता है कि हमें गीता के बिछड़े परिवार के बारे में कोई अहम सुराग मिल जाए.'