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तेलंगाना से इंदौर आए दंपती का गीता का मां-बाप होने का दावा, प्रशासन कराएगा DNA टेस्ट

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Published : Dec 25, 2020, 5:07 PM IST

Updated : Dec 25, 2020, 8:37 PM IST

तेलंगाना से एक परिवार गीता से मुलाकात करने के लिए इंदौर आया है और उन्होंने गीता से मुलाकात भी की. मुलाकात के दौरान तेलंगाना का परिवार कई तरह के फोटो भी साथ में लाया था लेकिन, फोटो के आधार पर गीता ने परिवार को पहचानने से मना कर दिया. फोटो के आधार पर गीता ने परिवार को पहचानने से मना कर दिया, प्रशासन तेलंगाना से आए परिजनों का डीएनए करवाएगा.

Administration will get DNA of relatives from Telangana
गीता के लिए तेलंगाना से आया एक परिवार

इंदौर। पाकिस्तान से लौटी गीता उसके परिवार से मिलाने के लिए इंदौर पुलिस कई तरह के जतन कर रही है. इसी कड़ी में आज तेलंगाना से एक परिवार गीता से मुलाकात करने के लिए आया और उन्होंने गीता से मुलाकात की है इस दौरान तेलंगाना का परिवार कई तरह के फोटो भी साथ में लाया था लेकिन, फोटो के आधार पर गीता ने परिवार को पहचानने से मना कर दिया. परिवार का मानना है कि गीता हमारी बेटी है, जो काफी पहले हमसे बिछड़ गई थी.

गीता के लिए तेलंगाना से आया एक परिवार

अब परिवार की मांग पर गीता तेलंगाना जाएगी और वहां पर जिस गांव का जिक्र किया जा रहा है, उसको देखेगी वहीं प्रशासन तेलंगाना से आए परिजनों का डीएनए करवाएगा. उसके बाद ही साबित होगा कि तेलंगाना से आया परिवार गीता का परिवार है कि नहीं वहीं यह भी बताया जा रहा है कि अभी दो और परिवार गीता को अपनी बेटी बता चुका है और वह भी जल्द इंदौर आकर अपना पक्ष रखेगा.

सबसे पहले तेलंगाना की दंपति पहुंची इंदौर

पुलिस प्रशासन गीता को उसके परिजनों से मुलाकात करवाने के लिए कई तरह के जतन कर रही है, वहीं जिस तरह से पूरे देश में गीता के अलग-अलग तरह के फोटोग्राफ वितरित किए गए हैं और उसके बारे में विभिन्न तरह से प्रचार-प्रसार हो रहा है. उसकी जानकारी तेलंगाना के पडपल्ली जिला के तारपल्ली गांव के बुल्ली स्वामी और बुल्ली श्यामसुंदर आज इंदौर पहुंचे और उन्होंने गीता को अपनी बेटी होने का हक जताया. बुल्ली स्वामी और बुल्ली श्यामसुंदर ने बताया कि जिस तरह से गीता विभिन्न तरह की जानकारी दे रही है, यहां सभी जानकारी उनकी गुम हुई बेटी से मिलती जुलती है. तेलंगाना से आए परिवार और गीता के बीच साइन लैंग्वेज के माध्यम से ज्ञानेंद्र पुरोहित ने बातचीत भी की इस दौरान गीता ने कई तरह के तथ्य रखे हैं. तेलंगाना से आए परिवार ने भी कई तरह की बातों का जिक्र गीता के सामने किया, इस दौरान तेलंगाना से आए परिजनों के पास कई तरह के पुराने फोटोग्राफ्स भी थे, जिसके आधार पर वह दावा कर रहे हैं कि गीता जब छोटी थी तो इस तरह से नजर आती थी, लेकिन थोड़ी देर बात करने के बाद ही गीता ने तेलंगाना से आए परिवार के लोगों को पहचानने से इंकार कर दिया, उसका कहना था कि वह अपने पिता के चेहरे को अच्छे से जानती है और बुल्ली स्वामी का चेहरा उनके पिता से नहीं मिलता.


डीआईजी ने भी की तेलंगाना आये लोगो से बात

बता दें गीता को अपनी बेटी बताने वाले परिजनों से इंदौर डीआईजी हरिनारायण चारी मिश्र ने भी मुलाकात की वहीं हरिनारायण चारि मिश्र ने तेलंगाना से आए व्यक्तियों से काफी बारीकी से पूछताछ की, गीता से भी इस दौरान बंद कमरे में काफी देर बात करने के बाद इंदौर डीआईजी का कहना है कि गीता को फिर से तेलंगाना ले जाया जाएगा, जहां पर दो-तीन एरिया और बाकी हैं, वहां उसकी तफ्तीश करवाई जाएगी. जिस परिवार ने गीता को अपनी बेटी होने का दावा किया है, उसका अब डीएनए भी करवाया जाएगा. गीता तकरीबन 15 से 20 साल पहले अपने परिजनों से बिछड़ गई थी जिसके कारण उसको उसके परिजनों का हुलिया भी ठीक से ध्यान नहीं है. जो परिजन आए हैं उन्होंने पुख्ता तौर पर गीता को अपनी बेटी होने का दावा किया है, फिलहाल इस पूरे ही मामले में काफी बारीकी से जांच पड़ताल करने के बाद ही गीता को उसके परिजन के सुपुर्द किया जाएगा फिलहाल प्रारंभिक तौर पर गीता ने भी तेलंगाना से आए परिजनों को पहचानने से इनकार कर दिया.

इंदौर डीआईजी
दो और परिवारों ने किया दावा जल्द आएंगे इंदौर

फिलहाल, जिस तरह से तेलंगाना के एक परिवार ने पाकिस्तान से आई गीता को अपनी बेटी बताया है, इसी तरह से अलग-अलग तरह की जानकारियों के आधार पर दो और परिवारों ने गीता को अपनी बेटी होने का दावा किया है और वह भी जल्द इंदौर आकर गीता से मुलाकात करेंगे. फिलहाल, आने वाले दिनों में कई और परिवार भी गीता को अपनी बेटी होने का दावा कर सकते हैं. अभी तक गीता को कुल 24 दंपति ने अपनी बेटी होने का दावा किया था, लेकिन किसी भी दंपति का डीएनए गीता के डीएनए से मैच नहीं हुआ.

मोनिका पुरोहित


इंदौर में रहती है गीता

दिव्यांगों की मदद के लिए इंदौर में चलाई जा रही आनंद सर्विस सोसायटी गीता की देख-रेख कर रही है. मध्य प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं नि:शक्त जन कल्याण विभाग द्वारा इस गैर सरकारी संगठन को मूक-बधिर युवती के बिछड़े परिवार की खोज का जिम्मा भी सौंपा गया है. संगठन के सांकेतिक भाषा विशेषज्ञ ज्ञानेंद्र पुरोहित गीता के परिवार की खोज के लिए महाराष्ट्र के मराठवाड़ा और तेलंगाना के सीमावर्ती इलाकों में गीता के बिछड़े परिवार को ढूंढ़ने की कोशिश की थी. पुरोहित ने बताया कि इशारों की जुबान में गीता से कई दौर की बातचीत के दौरान संकेत मिले हैं कि उसका मूल निवास स्थान मराठवाड़ा और तेलंगाना के सीमावर्ती इलाकों में हो सकता है, जहां वह लगभग दो दशक पहले अपने परिवार से बिछड़कर रेल से पाकिस्तान पहुंच गई थी.

महाराष्ट्र पुलिस भी कर रही मदद

महाराष्ट्र पुलिस भी गीता के परिवार की खोज में उसकी मदद कर रही है. यात्रा के दौरान औरंगाबाद पुलिस की महिला शाखा में तैनात वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक किरण पाटिल ने फोन पर बताया था कि 'हम औरंगाबाद और इसके आस-पास के इलाकों में गुजरे 20 साल के दौरान लापता मूक-बधिर बच्चों का रिकॉर्ड खंगाल रहे हैं. हो सकता है कि हमें गीता के बिछड़े परिवार के बारे में कोई अहम सुराग मिल जाए.'

मराठवाड़ा या तेलंगाना हो सकता है गीता का मूल निवास

पुरोहित के मुताबिक इशारों की जुबान में गीता से कई दौर की बातचीत के दौरान संकेत मिले हैं कि उसका मूल निवास स्थान मराठवाड़ा और तेलंगाना के सीमावर्ती इलाकों में हो सकता है, जहां वह लगभग दो दशक पहले अपने परिवार से बिछड़कर रेल से पाकिस्तान पहुंच गई थी.

महेश बाबू की जबर्दस्त प्रशंसक है गीता

अधिकारियों ने बताया कि गीता की नाक दांई ओर छिदी है और मूक-बधिर युवती के मुताबिक उसके पैतृक गांव में गन्ना, चावल और मूंगफली की खेती होती है. वह तेलुगु फिल्मों के मशहूर नायक महेश बाबू की जबरदस्त प्रशंसक है और इशारों की जुबान में उसका कहना है कि उसके घर में इडली-डोसा जैसे दक्षिण भारतीय व्यंजन पकते थे. बचपन की धुंधली यादों के आधार पर उसका यह भी कहना है कि उसके गांव के पास एक रेलवे स्टेशन था और गांव में नदी के तट के पास देवी का मंदिर था.

20 परिवार गीता को बता चुके हैं अपनी लापता बेटी

गीता की देखरेख करने वाली संस्था के अधिकारियों के मुताबिक गुजरे पांच साल में देश के अलग-अलग इलाकों के करीब 20 परिवार गीता को अपनी लापता बेटी बता चुके हैं. लेकिन सरकार की जांच में इनमें से किसी भी परिवार का मूक-बधिर युवती पर दावा साबित नहीं हो सका है. उन्होंने बताया कि फिलहाल गीता की उम्र 30 साल के आस-पास आंकी जाती है. वह बचपन में गलती से रेल में सवार होकर सीमा लांघने के कारण करीब 20 साल पहले पाकिस्तान पहुंच गई थी. पाकिस्तानी रेंजर्स ने गीता को लाहौर रेलवे स्टेशन पर समझौता एक्सप्रेस में अकेले बैठा हुआ पाया था. उस समय उसकी उम्र आठ साल के आस-पास रही होगी. मूक-बधिर लड़की को पाकिस्तान की सामाजिक संस्था ईधी फाउंडेशन की बिलकिस ईधी ने गोद लिया और अपने साथ कराची में रखा था.

कैसे सामने आया गीता का मामला ?

  • भारत में गीता के वकील मोमिन मलिक के मुताबिक 18 फरवरी 2007 को पानीपत में समझौता ब्लास्ट हुए था. जो लोग उसमें मरे थे, उनके मुआवजे का केस उन्होंने लड़ा था.
  • पाकिस्तान के ऐसे कई लोग थे जो इस हादसे का शिकार हुए थे. इसलिए मोमिन को पाकिस्तान जाना पड़ा था. इसी दौरान उन्हें गीता के बारे में पता चला.
  • पाकिस्तान के सोशल एक्टिविस्ट अंसार बर्नी ने मोमिन को बताया था कि एक भारतीय बच्ची ईधी फाउंडेशन में है, जो बोल नहीं सकती.

गीता को खोजने के लिए क्या किया?

  • 22 अक्टूबर, 2012 को अंसार बर्नी के भारत आने पर हमने ज्वॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. उसी दिन गीता का मामला पहली बार उठा था. इस दौरान पंजाब के सोशल एक्टिविस्ट एचएस पवार भी मौजूद थे.
  • मोमिन मलिक ने ऐलान किया था कि जो आदमी भी गीता के बारे में बताएगा उसे एक लाख रुपए का इनाम दिया जाएगा. इसके बाद मोमिन मलिक ने पाकिस्तान हाईकमीशन को गीता को लेकर लेटर भेजा था.
  • 7 जनवरी, 2015 को हाईकमीशन से मिला और सोशल साइट पर गीता की स्टोरी डाल दी.

कौन है गीता ?

  • गीता 14 साल तक पाकिस्तान में रही. गलती से सीमा पार करने के बाद उसे पाकिस्तान के पंजाब में रेंजर्स ने देखा था.
  • रेंजर्स पहले उसे लाहौर के ईदी फाउंडेशन में ले गए थे.
  • बाद में कराची में इसी संगठन के एक शेल्टर होम में उसे भेज दिया गया.
  • कराची में ‘मदर ऑफ पाकिस्तान' के नाम से मशहूर बिलकिस ईदी ने इस लड़की का नाम गीता रखा.
Last Updated : Dec 25, 2020, 8:37 PM IST

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