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राष्ट्रीय राजमार्गों पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने में नाकाम प्रशासन! - इंदौर बाईपास

सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए कई तरह के प्रयास करने का दावा किया जा रहा है. लेकिन सड़क हादसों में कमी नहीं आ रही है. इंदौर से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों पर पुलिस के द्वारा ब्लैक स्पॉट चिन्हित कर दुर्घटनाओं को रोकने और उन स्थानों को सुधारने की बात कही गई थी. जहां पर दुर्घटनाएं अधिक होती हैं. इन ब्लैक स्पॉट पर आवश्यक कदम उठाने के बावजूद प्रशासन के द्वारा दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए.

Road accident is not decreasing
सड़क दुर्घटना में नहीं आ रही कमी

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Published : Jan 28, 2021, 1:20 PM IST

इंदौर। सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में होने वाली मौत को लेकर भारत दुनिया के शीर्ष देशों की सूची में शामिल है. घायलों को समय पर इलाज ना मिल पाने के कारण और अव्यवस्थित रूप से बने राजमार्गों के कारण इन मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. हालांकि केंद्रीय परिवहन मंत्रालय की योजना के अनुसार दुर्घटनाओं में घायलों को मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध कराए जाने पर विचार चल रहा है, लेकिन उसके बावजूद बड़े शहरों के आसपास मौजूद राजमार्गों पर होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. इंदौर सहित कई बड़े ऐसे शहर हैं, जहां पर आयोजित रूप से बने राजमार्गों पर दुर्घटनाएं होना आम बात है.

सड़क दुर्घटना में नहीं आ रही कमी
24 से अधिक ब्लैक स्पॉट चिन्हित करने के बावजूद नहीं रुकी दुर्घटनाएं

इंदौर के आसपास कई राजमार्ग ऐसे हैं जो कि इंदौर को अन्य प्रदेशों से जुड़ते है. लेकिन इन राष्ट्रीय राजमार्ग पर आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अभी तक कोई उचित कदम नहीं उठाए गए हैं. लिहाजा यह राष्ट्रीय राजमार्गों पर कई हादसे हो रहे है. इन हादसों को कम करने के लिए इंदौर से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों पर पुलिस के द्वारा ब्लैक स्पॉट चिन्हित कर दुर्घटनाओं को रोकने और उन स्थानों को सुधारने की बात कही गई थी. जहां पर दुर्घटनाएं अधिक होती हैं. इन ब्लैक स्पॉट पर आवश्यक कदम उठाने के बावजूद प्रशासन के द्वारा दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए.

इंदौर से होकर गुजरते हैं तीन राष्ट्रीय राजमार्ग
इंदौर से तीन राष्ट्रीय राजमार्ग होकर गुजरते हैं. इन राष्ट्रीय राजमार्गों पर कई ऐसे इलाके हैं, जो कि शहर से सीधा जुड़ते हैं. वहीं प्रतिदिन इस्तेमाल होने वाली जरूरतों का सामान भी इन्हीं मार्गों से लोगों तक पहुंचता है. जिसके कारण इन राष्ट्रीय राजमार्गों और शहर के जुड़ने वाले रास्तों पर ट्रैफिक का दबाव अत्यधिक रहता है. लेकिन इस दबाव के बावजूद इन रास्तों को लेकर अभी तक किसी प्रकार की योजना प्रशासन और जिम्मेदार द्वारा नहीं बनाई गई है. जिससे कि हादसों को रोका जा सके. आगरा-मुंबई, अहमदाबाद और इंदौर इच्छापुर मार्ग नेशनल हाईवे की श्रेणी में आते हैं और इन्हीं राष्ट्रीय राजमार्गों के बीच में इंदौर स्थित है.

इंदौर बाईपास पर डीपीएस बस हादसे में जा चुकी है 5 बच्चों की जान
इंदौर के बाईपास पर हुए डीपीएस बस हादसे में 5 बच्चों की जान भी जा चुकी है. राष्ट्रीय राजमार्ग आगरा-बॉम्बे पर सबसे अधिक दबाव होने के कारण कई वाहन इंदौर के इस बायपास रोड से गुजरते हैं और इसी बायपास रोड से शहर के आसपास के गांवों को जोड़ा जाता है. लेकिन इन राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहनों की गति को नियंत्रित करने के लिए किसी प्रकार के प्रयास नहीं किए गए हैं. इन सड़कों पर सबसे अधिक जोखिम उन किसानों और ग्रामीणों का होता है, जो कि रोजाना शहर आने के लिए इन रास्तों को पार करते हैं. डीपीएस बस हादसे के बाद जरूर इन राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की गति को नियंत्रित करने के दावे किए गए. लेकिन हकीकत कुछ और ही है. नेशनल हाईवे पर ना तो ग्रामीणों को रास्ता पार करने के लिए किस प्रकार की सुविधा दी गई है और ना ही रात के समय वाहनों की गति को नियंत्रित करने के उपाय किए गए हैं. लिहाजा इंदौर के आसपास मौजूद इन नेशनल हाईवे पर दुर्घटनाओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है.

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