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दूसरे दिन भी जारी रही अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई, कंप्यूटर बाबा का सुपर कॉरिडोर स्थित आश्रम को तोड़ा

इंदौर में सोमवार को कंप्यूटर बाबा के सुपर कॉरिडोर स्थित आश्रम पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई गई. इस दौरान कई जगह की रजिस्ट्री के साथ ही अन्य डॉक्यूमेंट भी बरामद हुए हैं. जिसकी बारीकी से जांच की जा रही है. रविवार को भी अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कि गई थी.

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Published : Nov 9, 2020, 2:36 PM IST

इंदौर/उज्जैन। पूर्व राज्यमंत्री और संत समाज के प्रदेश अध्यक्ष कंप्यूटर बाबा के खिलाफ सोमवार को भी अवैध कब्जे के मामले में कार्रवाई की गई. दूसरे दिन जिला प्रशासन और नगर निगम के साथ मिलकर सुपर कंप्यूटर बाबा के सुपर कॉरिडोर स्थित आश्रम पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की है. बताया जा रहा कि कंप्यूटर बाबा के अंबिकापुरी स्थित आश्रम के साथ ही अन्य जगहों पर भी अवैध अतिक्रमण की कार्रवाई प्रशासन के द्वारा की जाएगी.रविवार को शहर के गोम्मटगिरी के करीब कंप्यूटर बाबा का अवैध रूप से बना आश्रम तोड़ा गया था. वहीं कार्रवाई का विरोध करने पर पुलिस ने कंप्यूटर बाबा सहित 7 लोगों को जेल भेजा था.कंप्यूटर बाबा पर हुई कार्रवाई का समर्थन करते हुए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा है कि इस प्रकार से जो भी गौशालाओं की भूमि का गलत उपयोग करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी.

कंप्यूटर बाबा पर कार्रवाई

जिला प्रशासन के द्वारा कंप्यूटर बाबा के अन्य ठिकानों पर भी दूसरे दिन अतिक्रमण तोड़ने की कार्रवाई जारी रही. कंप्यूटर बाबा के सुपर कॉरिडोर स्थित आश्रम और अन्य जगहों पर भी प्रशासन ने सोमवार सुबह सुपर कॉरिडोर पर बने पंचमुखी हनुमान मंदिर पर पहुंची. जहां कंप्यूटर बाबा के शिष्य शत्रुघ्न ने वन विभाग और इन्दौर विकास प्राधिकरण की जमीन पर कब्जा कर रखा था. जिस पर जिला प्रशासन ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए अतिक्रमण को तोड़ दिया. अधिकारियों का कहना है कि सुपर कॉरिडोर स्थित तकरीबन 20 हजार स्क्वायर फीट पर कंप्यूटर बाबा के अवैध अतिक्रमण पर कार्रवाई की गई है.

कंप्यूटर बाबा पर कार्रवाई

पढ़ें : नामदेव दास त्यागी से कैसे बन गए कम्प्यूटर बाबा ? करीब 10 घंटे तक हुई कार्रवाई की पल-पल की रिपोर्ट

कार्रवाई के दौरान कई जगह की रजिस्ट्री के पेपर बरामद

कंप्यूटर बाबा के पास कार्रवाई के दौरान कई जगह की रजिस्ट्री के साथ ही अन्य डॉक्यूमेंट भी बरामद हुए हैं. जिसकी बारीकी से जांच की जा रही है. अधिकारियों का कहना है कि इन पेपर से पता चलता है कि बाबा के पास अन्य जगहों पर भी जमीन है, जिस पर अवैध कब्जा है. फिलहाल ग्राम पंचायत की रजिस्ट्री सामने आई है. सुपर कॉरिडोर स्थित जिस जगह पर प्रशासन ने कार्रवाई की, उस जगह एक बोर्ड भी लगा हुआ था. जिस पर लिखा है कि भूस्वामी एवं आधिपत्य देवी अहिल्या होलकर एजुकेशन ट्रस्ट की है, वहीं बोर्ड पर खसरा नंबरों का भी उल्लेख किया गया है. बताया जा रहा प्रारंभिक तौर पर तकरीबन 16 ठिकानों की जानकारी प्रशासन के पास पहुंची है, जिन पर एक के बाद एक कार्रवाई की जा रही है.

नरेंद्र गिरी ने किया कार्रवाई का समर्थन

कंप्यूटर बाबा पर हुई कार्रवाई का अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने किया समर्थन
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी महाराज का कहना है कि गौशाला के लिए मिली जमीन पर, अवैधानिक कब्जा कर भवन बना दिया गया था, अनैतिक कार्य के चलते मध्य प्रदेश सरकार द्वारा नामदेव दास त्यागी उर्फ कम्प्यूटर बाबा के खिलाफ कार्रवाई की गई है. उनका कहना है कि गोशाला के लिए भूमि मिली है. उसका सही उपयोग हो, जन कल्याणकारी कार्य हो, यही संतों का परम धर्म और कर्तव्य है. कम्प्यूटर बाबा के आश्रम से अतिक्रमण हटाने के दौरान जो सामग्रियां मिली हैं, वह संतों के आचरण के विपरीत हैं.

प्रशासन ने तोड़ा अवैध निर्माण
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रविवार को भी हुई थी कार्रवाई

रविवार को कंप्यूटर बाबा के आश्रम पर बड़ी कार्रवाई हुई है. कंप्यूटर बाबा के गोम्टगिरी स्थित आश्रम पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई जिला प्रशासन ने नगर निगम के साथ मिलकर की थी. बाबा पर 46 एकड़ गौशाला की जमीन पर कब्जे का आरोप था. कार्रवाई का विरोध करने पर पुलिस ने कम्प्यूटर बाबा और उनके समर्थकों सहित 7 लोगों को गिरफ्तार कर इंदौर के सेंट्रल जेल भेज दिया है. अवैध निर्माण पर अतिक्रमण की कार्रवाई करने के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल और निगम के अधिकारी मौजूद रहे. इस कार्रवाई के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए मध्य प्रदेश सरकार पर निशाना साधा.

आश्रम से जब्त हुए कई डॉक्यूमेंट

2 महीने पहले दिया था नोटिस

अधिकारियों ने बताया कि 2 महीने पहले ही कंप्यूटर बाबा को इंदौर नगर निगम ने अवैध अतिक्रमण के संबंध में एक नोटिस जारी किया था. उसी नोटिस पर आज इंदौर नगर निगम और जिला प्रशासन ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए कंप्यूटर बाबा के आश्रम गोमटगिरी पर बने अवैध अतिक्रमण को नेस्तनाबूद कर दिया. इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स और निगम के अधिकारी भी मौजूद थे. जेसीबी मशीनों के माध्यम से जितना भी अवैध अतिक्रमण था उसे तोड़ दिया गया. वहीं जिस समय जिला प्रशासन कार्रवाई करने के लिए पहुंचा था, उस समय कंप्यूटर बाबा अपने शिष्यों के साथ आश्रम पर ही मौजूद थे. कार्रवाई के दौरान किसी तरह की कोई गड़बड़ी न हो, इसलिए पुलिस प्रशासन ने कंप्यूटर बाबा सहित उनके अन्य शिष्यों को गिरफ्तार कर सेंट्रल जेल भेज दिया था.

आश्रम से सामान के साथ बंदूक जब्त

कम्प्यूटर बाबा ने यहां 2 एकड़ शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा करके आश्रम, शेड और पक्के निर्माण कर लिए थे. यहां एयर कंडीशन कमरे, सोफे और आधुनिक सुख-सुविधा का सामान जुटा रखा था. वहीं कार्रवाई के दौरान कंप्यूटर बाबा के आश्रम से सामान के साथ एक बंदूक भी पुलिस ने जब्त की थी. फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच की बात कह रही है.

चार हिस्सों में बंटी है गोमटगिरी टेकरी की जमीन

कंप्यूटर बाबा के जिस आश्रम पर पुलिस जिला प्रशासन ने कार्रवाई की. वह जंबूरी हप्सी पंचायत में आता है. वहीं पंचायत से जिला प्रशासन ने कार्रवाई करने की अनुमति ली थी. इसी के साथ गोमटगिरी आश्रम जहां पर कंप्यूटर बाबा का आश्रम मौजूद था, उसके एक किलोमीटर के दायरे में पिछले दिनों बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने हनुमान जी की विशाल प्रतिमा का अनावरण किया था. वहां पर भी आश्रम के साथ अन्य तरह का निर्माण करवाया गया. जिस गोमटगिरी टेकरी पर कंप्यूटर बाबा का आश्रम बना हुआ था. उसे चार हिस्सों में बांटकर कंप्यूटर बाबा को एक टुकड़ा दिया गया था. तीन अन्य टुकड़े गुर्जर समाज को दिया गया था. जहां उन्होंने धर्मशाला का निर्माण करवाया. वहीं एक टुकड़ा जैन समाज को दिया गया था, जहां पर जैन समाज का एक धार्मिक स्थल बना. वहीं चौथा हिस्सा कमल किशोर नागर को दिया गया, जहां पर गौशाला का निर्माण किया गया.

कंप्यूटर बाबा ने 28 सीटों पर निकाली थी लोकतंत्र बचाओ यात्रा
कंप्यूटर बाबा ने मध्यप्रदेश में होने वाले उपचुनाव से पहले एक यात्रा की शुरुआत की थी. जिसका उद्देश्य 28 विधानसभा सीटों पर पहुंचकर बीजेपी के खिलाफ प्रचार करना था. इससे पहले भी कंप्यूटर बाबा कांग्रेस का समर्थन करते हुए बीजेपी के खिलाफ कई बार बयानबाजी कर चुके हैं, माना जा रहा है कि इस कार्रवाई के पीछे यही सबसे बड़ी वजह है.

आश्रम पर कार्रवाई के बाद दिग्विजय सिंह ने किया ट्वीट

इस कार्रवाई के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए मध्य प्रदेश सरकार पर निशाना साधा. दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर लिखा कि बदले की भावना से कंप्यूटर बाबा का आश्रम और मंदिर बिना किसी नोटिस दिए तोड़ा गया, यह राजनीतिक प्रतिशोध की चरम सीमा है, मैं इसकी निंदा करता हूं.

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