इंदौर।18 साल पहले तमिलनाडु के कांचीपुरम मंदिर के कार्यालय में धारदार हथियारों से शंकर रमन की हत्या कर दी गई थी. रमन के परिजनों की शिकायत पर विष्णु कांची थाने में केस दर्ज किया गया था. इसमें कांची कोठी पीठ के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती को भी साजिश रचने का आरोपी बना दिया गया और दीपावली के दिन उनकी गिरफ्तारी हुई. इस पूरे मामले को लेकर देशभर में हिंदूवादी संगठन ने जमकर हंगामा किया था.
इंदौर में भी जमकर हुआ था विरोध :इंदौर में हिंदू संगठन से जुड़े हुए कई लोगों ने इंदौर एयरपोर्ट के साथ इंदौर रेलवे क्रॉसिंग पर भी हंगामा किया था. इस दौरान एक ट्रेन को भी हिंदूवादी संगठन से जुड़े हुए नेताओं ने रोक दी थी. इस पूरे मामले में तात्कालिक कलेक्टर विवेक अग्रवाल ने विभिन्न हिंदूवादी संगठनों से जुड़े हुए नेताओं के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया था. पूरे मामले की सुनवाई इंदौर के जिला कोर्ट में चल रही थी. इसी कड़ी में तकरीबन 18 साल बाद मामले में न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम मीनाक्षी शर्मा की अदालत ने फैसला सुनाया.