इंदौर। ज़िले में कोरोना संक्रमण की दर तेजी से बढ़ रही है. इंदौर में पिछले 24 घंटों में प्रदेश में सबसे ज्यादा 919 मरीज़ पाए गए हैं, जबकि कोरोना से 5 मौत दर्ज की गई है. संक्रमण की स्थिति को देखते हुए इंदौर में कोरोना कर्फ्यू की अवधि भी 19 अप्रैल तक बढ़ा दी गई है. राज्य शासन के आंकड़ों के मुताबिक इंदौर में अब तक कुल संक्रमितों की संख्या 78511 हो चुकी हैं, जिसमें से 69799 मरीज़ अब तक ठीक हो चुके हैं. ज़िले में एक्टिव मरीजों की संख्या 7713 तक पहुंच गई है, जबकि 999 लोग कोरोना संक्रमण से अपनी जान गंवा चुके हैं.
अब सीधे अस्पतालों में मिलेंगे रेमडेसिविर इंजेक्शन
इंदौर की स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार भी अलर्ट पर नजर आ रही है. राज्य शासन की तरफ से इंदौर को 500 इंजेक्शन और 30 वेंटिलेटर दिए गए हैं. इंदौर में दवा दुकानों पर रेमडेसिविर इंजेक्शन की बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है, जिस भी मरीज़ को इंजेक्शन की ज़रुरत होगी उसे सीधे अस्पताल से ही मुहैया करवाए जाएंगे. इस बीच परेशान करने वाली एक खबर एमजीएम मेडिकल कॉलेज से सामने आई है, यहां कोरोना संक्रमितों का इलाज करते हुए संक्रमित हुए मेडिकल कॉलेज के इंटर्न डॉक्टर दीपक सिंह की मौत हो गई है. शहर के सभी अस्पतालों में आईसीयू की स्थिति चिंताजनक है, हर अस्पताल में बड़ी संख्या में मरीज भर्ती हैं. साथ ही अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने के लिए हेल्पलाइन नंबर 1075 की भी शुरुआत की गई है.
कोरोना मरीजों का इलाज करते-करते डॉ. दीपक ने गंवाए प्राण
शहर के 34 वार्डों को बनाया गया कंटेनमेंट जोन
इंदौर शहर में स्थिति को देखें तो फिलहाल शहर की कुल जनसंख्या करीब 31 लाख है जिसमें से 78,511 लोग अभी तक संक्रमित हो चुके हैं. शहर के जिन वार्डों में कोरोना के ज्यादा संक्रमित सामने आ रहे हैं वहां नगर निगम ने कंटेनमेंट जोन बनाने की शुरुआत भी कर दी है. फिलहाल शहर के 34 वार्डों को कंटेनमेंट जोन में तब्दील किया गया है. जिनमें श्याम नगर, लोकमान्य नगर, महाराजा छत्रसाल नगर, मुंडला नायता, बिलावली, कैलाशपुरी, द्रविड़ नगर, मूसाखेड़ी, सुभाष नगर, बिजासन, मल्हारगंज, नौलखा, चितावाद, संत कंवर राम, गीता भवन, नंदा नगर, चोइथराम, गुमास्ता नगर, बृजेश्वरी शहीद हेमू, कालानी नगर, सुखलिया, तिलक नगर, बाणगंगा, साउथ तुकोगंज, अन्नपूर्णा, स्वामी विवेकानंद नगर, पलहर नगर, विष्णु पुरी, लसूडिया मोरी, साईं कृपा कॉलोनी, सुदामा नगर, राजेंद्र नगर, श्रीनगर और डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी नगर समेत अन्य इलाके शामिल हैं. कंटेनमेंट जोन में लोगों की आवाजाही पर भी रोक लगाई गई है. शहर के करीब 80 कोविड अस्पतालों में 6200 बेड मौजूद हैं जो लगभग भरे हुए बताए जा रहे हैं. शहर के अन्य 50 अस्पतालों में अब कोरोना के मरीज़ों को इलाज के लिए भर्ती करना पड़ रहा है. इधर एमवाय अस्पताल में बेड की संख्या बढ़ाने के लिए एक हिस्से को कोविड मरीज़ों के लिए आरक्षित किया जा रहा है. इसके बाद बेड की संख्या 1100 और बढ़ जाएगी. कोरोना मरीज़ों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अब शहर के खुले मैदान में भी क्वारंटाइन सेंटर बनाने की तैयारी की जा रही है.
सुबह 7 से 10 बजे तक मिलेगी फल, सब्जियां और दूथ
लॉकडाउन के दौरान शहर में सुबह 7:00 बजे से 10:00 बजे तक दूध, किराना, फल की दुकानें और पेट्रोल पंप खुले रहेंगे, इसके अलावा अखबार हॉकर्स, बैंक और एटीएम के कर्मचारी, उद्योग में काम करने वाले लोगों और परीक्षार्थियों को आवागमन की छूट रहेगी. इसके अलावा स्थानीय निकाय के अधिकारी और कर्मचारी, परीक्षा आयोजन से जुड़े कर्मचारियों, टीकाकरण से जुड़े कर्मचारियों, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट जाने वाले यात्रियों और ज़रूरी सेवाओं से जुड़े लोगों को भी आवागमन की छूट होगी.
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24 घंटे में 18 का अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकॉल के तहत
शहर के प्रमुख 9 श्मशान घाटों में पिछले 1 सप्ताह में करीब 418 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया है. श्मशान घाटों पर शवों की बढ़ती संख्या के कारण अब अंतिम संस्कार के लिए भी इंतजार करना पड़ रहा है. शनिवार को रामबाग मुक्तिधाम में 14 शव पहुंचे, जिनमें से छह कोरोना मरीज के थे. इसी तरह जूनी इंदौर मुक्तिधाम में 13 में से 5 का अंतिम संस्कार कोविड-19 प्रोटोकॉल से हुआ. रीजनल पार्क श्मशान घाट में 26 शव लाए गए, जिसमें से सात कोरोना से संक्रमित थे. बीते 24 घंटे में शहर के तीन मुक्तिधाम में 18 लोगों का अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकॉल के तहत किया गया है. प्रशासन का कहना है कि आसपास के शहरों से इंदौर लाए जाने वाले मरीज़ों की मौत होने पर उनका अंतिम संस्कार भी इंदौर में ही किया जा रहा है, इसलिए ऐसी स्थितियों का सामना करना पड़ रहा है. सभी श्मशान घाटों में लकड़ियों और अन्य सामग्री की कमी नहीं होने दी जा रही है.