इंदौर। संक्रमण से लोगों बचाने के दौरान इन दिनों प्रदेश की पुलिस को कोरोना के कहर का सामना करना पड़ रहा है, पीपीई किट और सुरक्षा साधनों के अभाव में ड्यूटी करते इंदौर और उज्जैन में संक्रमण का शिकार हुए दो थाना प्रभारियों की मौत हो चुकी है. जबकि इंदौर में ही एक दर्जन अन्य पुलिस अधिकारी कर्मचारी संक्रमित हो चुके हैं, जिन्हें क्वॉरेंटाइन करना पड़ा है.
इंदौर में पुलिस को संक्रमण से बचाने के लिए अब संक्रमित क्षेत्रों में ड्यूटी देने वाले 3 हजार पुलिस अधिकारी- कर्मचारियों को अस्थाई घरों में रखना पड़ा है, जिससे कि पुलिस परिवारों को संक्रमण से बचाया जा सके. दरअसल शहर के पुलिस अधिकारियों और जवानों के लिए अलग से कोई मेडिकल सुविधा नहीं है, वे यदि लगातार ड्यूटी के बावजूद संक्रमित हो रहे हैं, तो इन हालातों में अपना इलाज उन्हें खुद ही कराना पड़ रहा है.
कई जगह हालात ऐसे भी बन रहे हैं कि, खुद पुलिसकर्मियों और अधिकारी के संक्रमित होने से सैकड़ों लोगों को यह संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ रहा है, ऐसी स्थिति में पुलिस अधिकारी कर्मचारी बेहद गुस्से में हैं, संक्रमित इलाकों में ड्यूटी के कारण उनकी मनोस्थिति और शारीरिक स्थिति भी जवाब दे रही है, दूसरी तरफ शहर के लोग सोशल डिस्टेंस का उल्लंघन करते हुए अभी भी सड़कों पर घूमने से बाज नहीं आ रहे हैं.
दरअसल, इंदौर के अधिकांश संक्रमित इलाकों में तैनात पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के पास पीपीई किट नहीं है, इसके अलावा जिन पॉजिटिव मरीजों को पुलिसकर्मी क्वॉरेंटाइन कर रही हैं, उनका टेस्ट भी अब तक नहीं हुए है, इन्हीं हालातों के मद्देनजर 19 अप्रैल को जूनी इंदौर थाने के थाना प्रभारी देवेंद्र चंद्रवंशी की मौत हो गई थी, हालांकि इसके पूर्व पुलिस के 8 अधिकारी संक्रमित हो चुके थे, इनके अलावा कई अधिकारी और कांस्टेबल पहले से संक्रमित हो चुके हैं.
जूनी इंदौर थाना प्रभारी देवेंद्र चंद्रवंशी और उज्जैन के नीलगंगा थाना प्रभारी यशवंत पाल की मौत के बावजूद यह अधिकारी भी संक्रमित हो चुके हैं.
- एडिशनल ASP महू
- एडिशनल SP महू का कुक
- खजराना थाना प्रभारी
- खजराना थाने का ड्राइवर
- DIG ऑफिस का रीडर
- DRP लाइन का एक कांस्टेबल
- जूनी इंदौर थाने का एक ASI और एक कांस्टेबल