इंदौर। गुजरात के सरदार सरोवर बांध से मधप्रदेश से 178 गांव डूब की कगार पर हैं. ऐसे में मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार गुजरात सरकार की मनमानी और नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकती है. सरदार सरोवर बांध में खतरे के निशान से ऊपर तक पानी भर चुका है. आलम यह है कि बड़वानी जिले के 178 गांव डैम के बैक वाटर की वजह से डूबने की कगार पर हैं.
सरदार सरोवर डैम से एमपी में बाढ़ जैसे हालत गौरतलब है कि सरदार सरोवर डैम को भरे जाने के पूर्व में नर्मदा नियंत्रण अथॉरिटी ने डैम में पानी भरने का जो शेड्यूल जारी किया था, गुजरात सरकार ने उसका पालन नहीं किया. इसके अलावा नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण ने भी इस मनमानी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. हालांकि उस दौरान भी मध्यप्रदेश सरकार ने सरदार सरोवर बांध में निर्धारित जलस्तर से ज्यादा पानी भरने का विरोध किया था.
26 हजार लोग हो चुके हैं बेघर
प्रदेश सरकार ने करीब एक सैकड़ा पत्र भी गुजरात सरकार को भेजे थे. अब जबकि प्रदेश में लगातार बारिश हो रही है और नर्मदा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. इसके बावजूद गुजरात सरकार ने सरदार सरोवर डैम में 136 मीटर से भी ज्यादा पानी भर गया है. डैम में लगातार पानी रोके जाने के कारण मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले के करीब 178 गांव टापू में तब्दील हो चुके हैं, जिन में रहने वाले करीब 26 हजार से ज्यादा लोग बेघर हो चुके हैं.
मेधा पाटकार और मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल की बैठक
ऐसे हालातों से परेशान कमलनाथ सरकार के नर्मदा घाटी विकास मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल और नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख मेधा पाटकर ने इंदौर में संयुक्त बैठक की. इस दौरान तय किया गया कि यदि गुजरात सरकार सरदार सरोवर का जलस्तर नहीं घटाता है तो अब गुजरात सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने के अलावा मध्य प्रदेश सरकार के पास कोई विकल्प नहीं है.
बाढ़ का अलर्ट जारी
इधर फिर डैम में भारी मात्रा में पानी एकत्र होने के कारण गुजरात सरकार ने 5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा है. इसकी वजह से मध्यप्रदेश के कई गांव में बाढ़ के हालात बने हुए हैं. यही नहीं गुजरात के भरूच नर्मदा और बड़ोदरा जिले के 30 गांव में भी पानी भरे जाने की आशंका है, जहां बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया है.