इंदौर। राज्य साइबर सेल को फरियादी सैय्यद रिजवान ने बताया कि फेसबुक पर टेस्को ग्लोबल एप्लीकेशन का विज्ञापन देखकर मोबाइल में डाउनलोड किया था, उसमें दर्ज नंबर पर संपर्क करने पर टास्किंग का कार्य बताकर उक्त एप्लीकेशन पर रिचार्ज कर अधिक मुनाफा कमाने का लालच दिया गया. ऐसा करके आरोपियों ने उससे 22 लाख 50 हजार रुपए 8 दिनों में टेस्को ग्लोबल एप्लीकेशन पर ऑनलाइन ट्रांसफर करवाए लिए. साइबर सेल ने इसकी पड़ताल की तो पता चला कि ये एप्लीकेशन चाइना से ऑपरेट हो रहा है.
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चाइना से जुड़े साइबर ठगी के तार
साइबर टीम ने फरियादी के बैंक खातों की पड़ताल की तो पता चला कि एक खाते से www.rummyvip.in डोमेन पर रुपया ट्रांसफर हुआ है, साथ ही एक बैंक खाते से गेटवे कंपनी पर रुपया ट्रांसफर होना भी सामने आया है. जिस साइट पर रुपया ट्रांसफर हुआ उसके बारे में जानकारी निकाली गई तो वह वेबसाइट चाइना से ऑपरेट होने की सबूत मिले हैं. पेमेंट गेटवे सर्विस से जांच करने पर पता चला कि केवाईसी डॉक्युमेंट कंपनी के नाम कॉन्फिगर जीनस टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के नाम बैंक खाते में जमा हुई है. जब लिंक बैंक खाते की जानकारी निकाली गई तो पता चला कि उक्त बैंक खाते में कोई डिपॉजिट हुआ ही नहीं है.
तीसरे पते पर मिला साइबर ठगी का सरगना
कॉन्फिगर जीनस टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड (15 companies open at same address for online fraud) के पते की तस्दीक करने पर पता चला कि उस नाम की कंपनी है ही नहीं. फिर भी टीम लगी रही और पेमेंट गेटवे सर्विस के दस्तावेजों का दोबारा निरीक्षण किया, तब उसमें एक पेस्टल एड्रेस की जानकारी मिली, उसकी जानकारी जब निकाली गई तो जतिन सिंह निवासी दिल्ली का पता चला, उसके पास टीम पहुंची तो किराए का मकान निकला, जिसे वो खाली कर चुका था, लेकिन तीसरे पते पर जतिन टीम के हत्थे चढ़ ही गया.
ठगी के लिए दोस्तों को बनाया डायरेक्टर
जतिन ने पूछताछ में बताया कि उसकी कंपनी say legal के माध्यम से सुनहरा वर्ड नाम की चाइनीज कंपनी बनाकर देने का कॉन्ट्रैक्ट मिला था, जिसके लिए जतिन की मुलाकात सुनहरा वर्ड कंपनी के जनरल मैनेजर शॉन व अन्य कर्मचारी की एक पूजा केरी से मेल पर कंफर्मेशन हुआ तो शॉन और पूजा की डिमांड पर जतिन ने अपराध में शामिल कंपनी कॉन्फिगर जीनस टेक्नोलॉजी व एक अन्य कंपनी में जतिन सिंह एवं इंद्रनील बासु और उसके दो दोस्तों को डायरेक्टर बनाया गया.
हाउस कीपर के नाम खोल दी कंपनी
इंद्रनील बसु को 99% शेयर देकर कंपनी को रजिस्टर्ड किया गया एवं पूजा कैरी और शान के बताए मेल आईडी व मोबाइल नंबर के माध्यम से उक्त कंपनियों के नाम से बैंक खाते खुलवाए गए तथा www.rummyvip.in डोमेन के नाम से पेमेंट गेटवे सर्विस और विजुअल एकाउंट के लिए इंद्रनील बसु के हस्ताक्षर लिए और दस्तावेज पूजा को दिए गए, जिनके माध्यम से पेमेंट गेटवे सर्विस का अकाउंट खुल गया, बाद में आरोपी ने जतिन, इंद्रनील व अन्य को रिजाइन करवा कर पूजा केरी व शॉन के सुझाव पर दो डायरेक्टर अपॉइंट कर दिए, जिनकी भूमिका में पता चला कि वह गुड़गांव में रहकर हाउस कीपिंग का काम करते हैं और दसवीं पास हैं. इनके दस्तावेजों का उपयोग कर फर्जी कंपनियों के डायरेक्टर बना दिया गया.
15 से अधिक फर्जी कंपनियां खोला
आरोपी जतिन सिंह और इंद्रनील बसु से साइबर सेल को कई और जानकारियां हाथ लगी हैं, दोनों आरोपियों ने अलग-अलग दस्तावेजों के माध्यम से करीब 15 से अधिक कंपनियां एक ही पते पर रजिस्टर्ड करवा दी थी और अलग-अलग पते पर बैंक खाता भी खुलवा लिया और उनका इंटरनेट बैंकिंग पासवर्ड पूजा केरी और शॉन को दे दिया गया. दोनों आरोपी दोस्त हैं. जब इन्होंने धोखाधड़ी की शुरुआत की तो एक आरोपी कंपनी का एचआर बन गया तो दूसरा कंपनी का डायरेक्टर. आरोपियों ने बताया कि एक कंपनी बनाने के लिए 15000 रुपए लेते थे.