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128 साल पुराने रेड चर्च में क्रिसमस की धूम, विशेष गौशाला में अवतरित होंगे प्रभु यीशू

ब्रिटिश काल में बना रेड चर्च ईसाई समुदाय के लिए आस्था (special prayer on Christmas celebration) का बड़ा केंद्र है, जहां क्रिसमस की तैयारियां पूरी हो चुकी है. विशेष प्रार्थना के साथ ही कोरोना गाइडलाइन का पालन भी अनिवार्य किया गया है.

special prayer on Christmas celebration
128 साल पुराने रेड चर्च में क्रिसमस की धूम

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Published : Dec 24, 2021, 3:46 PM IST

इंदौर।25 दिसंबर को देश भर में क्रिसमस धूमधाम (Red Church ready to Christmas celebration) से मनाया जाता है, एक सप्ताह पूर्व से ही क्रिसमस की तैयारियां शुरू हो जाती है. इंदौर शहर के विभिन्न चर्चों में भी क्रिसमस की तैयारियां पूरी हो चुकी है. विशेष सज्जा के साथ-साथ प्रभु यीशु के जन्म के लिए विशेष गौशालाएं और झांकियों का निर्माण भी किया गया है, साथ ही गिरजाघरों में प्रार्थना के लिए विशेष तैयारियां की गई है.

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128 साल पुराने रेड चर्च में विशेष तैयारियां

शहर के सबसे पुराने रेड चर्च के बिशप चाको बताते हैं कि रेड चर्च करीब 128 साल पुराना है, चर्च में क्रिसमस की विशेष तैयारियां की गई है, क्रिसमस पर यहां विशेष प्रार्थना की जाएगी. चर्च को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया है. यह चर्च लोगों की आस्था का विशेष केंद्र (special prayer on Christmas celebration in mp) है, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते सीमित संख्या में ही लोगों को प्रवेश दिया जाएगा. कोरोना गाइड लाइन का पालन करना अनिवार्य है.

ब्रिटिश सैनिकों के परिजनों के लिए बना था रेड चर्च

शहर के लोगों के लिए आस्था का विशेष केंद्र बने रेड चर्च का निर्माण 1893 में किया गया था, इस चर्च के निर्माण का मुख्य उद्देश्य उस समय ब्रिटिश सैनिक और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा की जाने वाली प्रार्थना के लिए किया गया था. शहर में दो चर्च प्रमुख रूप से हैं, एक रेड चर्च और दूसरा व्हाइट चर्च. जहां बड़ी संख्या में लोग प्रार्थना के लिए पहुंचते हैं.

प्रभु यीशु के जन्म के लिए बनी विशेष गौशाला

बताया जाता है कि प्रभु यीशु का जन्म गौशाला में हुआ था, क्रिसमस पर प्रभु यीशु के जन्म को लेकर रेड चर्च में विशेष गौशाला की झांकी तैयार की गई है, जिसमें प्रभु यीशु के जन्म संबंधी प्रसंगों को दर्शाया गया है. इस गौशाला में विशेष रूप से विद्युत सज्जा भी की गई है. गौशाला को तैयार किए जाने का काम पिछले सात दिनों से किया जा रहा था, गौशाला के रूप में तैयार की गई झांकी में प्रभु यीशु के जन्म से जुड़ी बातों को दर्शाया गया है.

क्रिसमस पर रहेगा कोरोना का साया

क्रिसमस पर कोरोना का साया नजर आ रहा है, 25 दिसंबर को सुबह केवल 10:00 बजे तक ही रेड चर्च में लोगों को प्रवेश दिया जाएगा. प्रवेश के लिए यह भी देखा जाएगा कि चर्च में आने वाले लोग कोरोना गाइडलाइन का पालन करें. मास्क लगाना अनिवार्य है, वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट भी दिखाना होगा. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए चर्च प्रबंधन 10 बजे के बाद मुख्य द्वार बंद कराने का निर्णय लिया है, जिसे 26 दिसंबर को लोगों के लिए खोला जाएगा. कोरोना महामारी को देखते हुए यह फैसला लिया गया है, लोग सुबह की प्रार्थना में शामिल हो सकेंगे, शाम के वक्त भी चर्च बंद रहेगा.

ऑनलाइन दर्शन की रहेगी व्यवस्था

रेड चर्च में क्रिसमस पर विशेष प्रार्थना भी आयोजित की जाएगी, कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए सीमित लोगों को ही चर्च में प्रवेश की अनुमति दी गई है, जबकि प्रभु यीशु के दर्शन व प्रार्थना की ऑनलाइन व्यवस्था भी की गई है. इस बार भी लोग घरों पर विशेष तैयारियां कर रहे हैं, बच्चों में भी संता क्लॉज को लेकर काफी उत्साह नजर आ रहा है. चर्च में तैयारी कर रहे बच्चों का कहना है कि 2 वर्षों से क्रिसमस ठीक से नहीं मना पाने के बाद इस बार कुछ उम्मीद नजर आ रही है और बच्चे 24 तारीख की रात से संता क्लॉज के आने का इंतजार करेंगे.

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