होशंगाबाद।फीस के मुद्दे पर स्कूलों में विवाद जारी है, अभिभावक न तो ऑनलाइन क्लासेस स्वीकार कर रहे हैं और न ही तीन महीने की फीस भरना चाहते हैं, लेकिन स्कूल्स हैं कि अभिभावकों पर फीस भरने का दबाव बना रहे हैं. साथ ही फीस भी बढ़ा दी है. कुछ स्कूलों ने बिना फीस के ऑनलाइन क्लास चलाने से भी इंकार कर दिया है. इन्हीं वजहों से लगातार एक के बाद एक विवाद सामने आ रहे हैं.
ताजा मामला शहर के एक स्कूल का सामने आया है जहां स्कूल में रिजल्ट लेने आए अभिभावकों का हंगामा देखने को मिला. विवाद इतना बढ़ा कि बीच-बचाव करना पड़ा, हालांकि बाद में अभिभावकों को बिना किसी निर्णय के ही वापस लौटना पड़ा.
ऑनलाइन क्लास का विरोध कर रहे पालक
अभिभावक बच्चों को ऑनलाइन क्लास नहीं देना चाहते हैं, जिसको लेकर लंबी फीस ली जा रही है, अप्रैल की फीस 10 हजार रूपए के करीब ली जा रही, वहीं स्कूल प्रबंधन ने साफ कह दिया है कि यदि उन्हें एजुकेशन नहीं देना है तो वह मत दें, लेकिन स्कूल को फीस तो देनी पड़ेगी. यदि किसी को स्कूल में फीस नहीं भरनी है तो आपने बच्चे को वापस ले जा सकते हैं. इसी बात से नाराज अभिभावक ने स्कूल के बाहर हंगामा किया है, साथ ही ऑनलाइन क्लास में भी बच्चे नही पड़ पा रहे हैं. लेकिन उसके बावजूद न तो स्कूल प्रशासन ने किसी की कोई बात सुनी और न ही किसी से कोई बात की.
इस स्कूल मे पढ़ाने वाले बच्चे के अभिभावक नीरज का कहना है कि स्कूल खुलने से पहले ही पहली किश्त की मांग कर रहे हैं, वही स्कूल प्रबंधक ही बिना मास्क के लोगों से मिल रहे हैं. ऐसे में बच्चों को कैसे सुरक्षित कर पाएंगे. वही ऑनलाइन क्लास के लिए भी स्कूल रूपये की मांग कर रहा है. वही अन्य अभिवावक को फीस जमकर करने के मैसेज भी कर रहे हैं.
वहीं स्कूल के डायरेक्टर शुभ आशीष चटर्जी ने उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देकर ट्यूशन फीस मांगने की बात कह रहे हैं, साथ ही बढ़ाई गई फीस पर भी स्कूल ने रोक लगा दी है, ऐसे में अब ऑनलाइन क्लास के अलावा कोई विकल्प नही है.