मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

पेड़ के लिए अनूठा प्रेम, कटे हुए पेड़ के लिए मौन रखकर दी श्रद्धांजलि

होशंगाबाद में नेशनल हाईवे पर अज्ञात व्यक्ति पेड़ को काट दिया, जिसके बाद शहर के जागरुक और प्रकृति प्रेमी युवाओं ने अनूठी श्रद्धांजलि देते हुए पेड़ को माला पहनाई और 2 मिनट का मौन भी रखा, इसी के साथ युवाओं ने दोषी से 50 लाख का जुर्माना वसूलने की मांग की है.

Tribute laid silent for the chopped tree, demanding action against the guilty
कटे हुए पेड़ के लिए मौन रखकर दी श्रद्धांजलि, दोषी के खिलाफ कार्रवाई की मांग

By

Published : May 25, 2021, 7:38 AM IST

होशंगाबाद।आपने किसी मनुष्य के निधन के बाद लोगों को श्रद्धांजलि देते देखा होगा, लेकिन होशंगाबाद में एक अनोखा मामला सामने आया है यहां होशंगाबाद के कुछ युवा अवैध रूप से काटे गए छायादार पेड़ पर माला चढ़ाकर 2 मिनट का मौन रखा, और पेड़ को श्रद्धांजलि दी.

कटे हुए पेड़ के लिए मौन रखकर दी श्रद्धांजलि, दोषी के खिलाफ कार्रवाई की मांग

होशंगाबाद में एक अनोखा मामला सामने आया है जहां होशंगाबाद के रसूलिया स्थित नेशनल हाइवे 69 पर चर्च के सामने एक पेड़ को अज्ञात लोगों ने काट दिया, पेड़ के काटने के विरोध में स्थानीय युवाओं ने वृक्ष पर माल्यार्पण कर कुछ समय का मौन रखकर हरे भरे वृक्ष को श्रद्धांजलि दी, पेड़ को यहां के स्थानीय कुछ लोगों द्वारा रातों रात काट दिया गया, चूंकि पेड़ हरा भरा और पुराना था. जब यह बात स्थानीय युवाओं गजेंद्र चौहान, गजेंद्र ठाकुर, राहुल पटवा, रजनीश दुबे, राजदीप हाड़ा, गजेंद्र राव को पता चला तो उन्होंने विरोध स्वरूप पेड़ पर माल्यार्पण कर 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की, साथ ही हरे भरे वृक्ष को काटने वालों के ऊपर कार्रवाई करने की मांग की.

वहीं गजेंद्र चौहान बताते हैं कि रसूलिया हाइवे 69 रोड पर चर्च के बाजू में वर्षों पुराना पेड़ था, इस पेड़ को बिना वन विभाग की परमिशन और नगरपालिका की परमिशन के काट दिया गया, इस पेड़ को काटे 3 से 4 दिन हो गए, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की, नगरपालिका द्वारा सिर्फ लकड़ी जब्त की गई. हमने इस वृक्ष के सामने मौन रखकर वृक्ष को श्रद्धांजलि दी, साथ ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो ताकि आने वाले समय में वृक्षों को काटा न जा सके.

विश्वविद्यालय में पेड़ों की कटाई, कुलपति ने दिए कार्रवाई के निर्देश

पेड़ों के पितामह कहे जाने वाले और चिपको आंदोलन के प्रणेता उत्तराखंड के टिहरी में जन्मे 94 वर्षीय सुंदरलाल बहुगुणा ने जीवन भर पेड़ों की रक्षा की, उन्होंने अपना पूरा जीवन पेड़ों के लिए निछावर कर दिया. सुंदरलाल बहुगुणा का 94 वर्ष की आयु में कोरोना से शुक्रवार को निधन हो गया, उनका राजकीय सम्मान के सांथ अंतिम ससंस्कार किया गया. पर्यावरण संरक्षण के लिए कई सम्मान भी मिले हैं. कोविड 19 की दूसरी लहर में व्यक्ति के लिए प्राण वायु कितनी आवश्यक है. यह हमें उस समय पता चला जब लोगों को अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी देखने और लोगों को लाइनों में लगकर मरीजों के परिजनों को ऑक्सीजन के लिए घंटों इंतज़ार करते देखा है. हमारे लिए ऑक्सीजन कितनी आवश्यक है, जीवन में पेड़ हमारे लिए कितने आवश्यक हैं यह वर्तमान समय को देखते हुए पता चलता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details