होशंगाबाद। होशंगाबाद के हर्बल पार्क घाट पर मगरमच्छ का शव मिलने और बबूल के पेड़ की कटाई के मामले में वनपाल आरसी यादव और वन रक्षक निशांत बिसोपिया को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है, ये कार्रवाई वन विभाग के डीएफओ लालजी मिश्रा ने की है. इसके अलावा एक अन्य वनपाल नितिन तिवारी और राम गोपाल गौर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया.
दोनों मामलों में परिक्षेत्र अधिकारी प्रियंका बाथम को पत्र जारी कर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं, हर्बल पार्क में नर्मदा किनारे दो दिन पहले मगरमच्छ का शव मिला था, मंगलवार को वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच की, जांच के दौरान जो तथ्य सामने आए हैं, उसके आधार पर डीएफओ ने कार्रवाई करते हुए दोनों कर्मचारियों को निलंबित करते हुए दो अन्य को नोटिस जारी किया है.
हर्बल पार्क क्षेत्र में बबूल की लकड़ी कटाई का मामला भी सामने आया है, मामले का सबसे आश्चर्यजनक पहलू यह है कि जिम्मेदारों को भनक तक नहीं लगी और बबूल की लकड़ी काट दी गई, सोमवार को वन अमले ने धानाबड़ क्षेत्र की आरा मशीन की जांच की, जहां बबूल की लकड़ी बरामद हो गई है, आरा मशीन संचालक व लकड़ी का परिवहन करने वाले वाहन चालक के विरुद्ध अवैध परिवहन का केस दर्ज करने की कार्रवाई वन अमले द्वारा की जा रही है.
- मगरमच्छ का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला
डीएफओ मिश्रा ने बताया कि तीन वर्षीय मगरमच्छ का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला था, जांच में सामने आया है कि मगर के जबड़े का एक हिस्सा कटा हुआ है, और कुछ भाग किसी जानवर द्वारा नोचा गया गया है.
- मगरमच्छ का नहीं हुआ शिकार !
डीएफओ के मुताबिक मगरमच्छ का शिकार नहीं किया गया है, क्योंकि अगर शिकार किया जाता, तो शिकारी मगर की खाल को निकालते, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ है, संभवतः मगर किसी जाल में फंसा है, और उससे बचने के लिए किसी ने कुल्हाड़ी से मारा है, डीएफओ ने बताया कि मगर की मौत के मामले में स्थानीय मछुआरों से भी पूछताछ की जा रही है.