होशंगाबाद। नर्मदा नदी की सहायक नदी गंजाल मोरंड नदी पर बन रहे संयुक्त बांध के खिलाफ आदिवासियों ने जिला मुख्यालय पर धरना दिया. कलेक्टर कार्यालय के सामने आदिवासी करीब 9 घंटे से अधिक धरने पर बैठ बांध बनने का विरोध-प्रदर्शन करते रहे, जिसके बाद देर रात कलेक्टर धनंजय सिंह बघेल आदिवासियों से मिलने पहुंचे.
9 घंटों के संघर्ष के बाद माने आदिवासी, कलेक्टर ने दिया गांव पहुंचने का आश्वासन
होशंगाबाद में नर्मदा नदी की सहायक नदी गंजाल मोरंड नदी पर बन रहे संयुक्त बांध के खिलाफ आदिवासियों ने जिला मुख्यालय पर धरना दिया. जिसके बाद देर रात कलेक्टर धनंजय सिंह बघेल आदिवासियों से मिलने पहुंचे.
नर्मदापुरम संभाग के 3 जिले हरदा, बैतूल और होशंगाबाद की सीमा में नदी की सहायक नदी गंजाल मोरल सिंचाई परियोजना पर 1,860 करोड़ की लागत से बांध का निर्माण किया जाना है, जिसका नर्मदा विकास प्राधिकरण द्वारा टेंडर निकालकर स्वीकृति जारी कर दी गई है.
बांध बनने के चलते करीब 23 से अधिक आदिवासी गांव डूबने की आशंका है. इसी आशंका के चलते सैकड़ों की संख्या में आदिवासी ट्रैक्टर-ट्रॉली में भरकर जिला मुख्यालय पहुंचे और कलेक्टर से लिखित में आश्वासन की मांग कर रहे थे, लेकिन कलेक्टर आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में शामिल होने मुख्यालय से बाहर गए हुए थे, इसलिए धरना-प्रदर्शन के 9 घंटे बाद प्रदर्शनकारियों से मिलने पहुंचे.