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खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर ये परिवार, रेलवे ने हटाए इनके आशियाने

होशंगाबाद के बंगाली कॉलोनी के आजमगढ़ रोड स्थित रेलवे ट्रैक के किनारे रहने वाले करीब 30 से अधिक परिवारों को तीसरी रेलवे लाइन के निर्माण के चलते रेल विभाग द्वारा हटा दिया गया है, जिसके चलते पिछले 2 दिन से ये परिवार अपना सामान लेकर सड़कों पर बैठ गये हैं.

गरीब परिवार
गरीब परिवार

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Published : Dec 21, 2019, 5:23 AM IST

Updated : Dec 21, 2019, 5:32 AM IST

होशंगाबाद। जिले में सर्दी के मौसम में सैकड़ों की संख्या में गरीबों को खुले आसमान के नीचे रातें गुजारनी पड़ रही हैं. जहां कल तक सपनों का महल था, वहां केवल मलवे के सिवा कुछ नहीं बचा है. सामान समेटे कई परिवार भूखे प्यासे पिछले 2 दिन से यूं ही रह रहे हैं. जी हां बंगाली कॉलोनी आजमगढ़ रोड पर 30 से अधिक परिवार आज सड़क पर आ गए हैं. इनकी बस इतनी सी गलती थी कि ये सरकारी जमीन पर रह रहे थे.

खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर लोग

होशंगाबाद के बंगाली कॉलोनी के आजमगढ़ रोड स्थित रेलवे ट्रैक के किनारे करीब 30 से अधिक परिवार पिछले 20 सालों से रहे थे, जिन्हें तीसरी रेलवे लाइन के निर्माण के चलते रेल विभाग द्वारा हटा दिया गया है, जिसके चलते पिछले 2 दिन से यह परिवार अपना सामान लेकर सड़कों पर बैठ गया है. ये इस कड़ाके की सर्दी में खुले में सोने को मजबूर हैं.

पिछले दो रातों से यूं ही 30 परिवार खुले आसमान के बीच रातें गुजार रहे हैं, लेकिन इनकी सुध लेने एक भी जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी नहीं पहुंचा है. इन्हें ना ही कहीं विस्थापित किया जा रहा है ना ही मुआवजा दिया जा रहा है.

अब इन लोगों को इंतजार है कि कोई जिम्मेदार अधिकारी अपने बंगले से बाहर आकर इनकी भी सुध लेगा, ताकि इन लोगों को सर्दी से बचने के लिए एक छत मिल पाएगी.

Last Updated : Dec 21, 2019, 5:32 AM IST

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