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एमपी में पहला ROP सेंटर शुरू, अविकसित बच्चे अब नहीं होंगे अंधापन के शिकार

होशंगाबाद में मध्यप्रदेश का पहला ROP सेंटर खोला गया है, जिला अस्पताल में भोपाल से पहुंची टीम ने कैंप लगाकर नवजात शिशुओं की जांच की.

एमपी में पहला ROP सेंटर शुरू

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Published : Sep 7, 2019, 5:38 PM IST

होशंगाबाद। शहर में प्रदेश का पहला आरओपी (रेटिनोपैथी ऑफ प्री मैच्योरिटी) सेंटर खोला गया है, इसके साथ ही पहले रेटिनोपैथी टेस्ट की शुरुआत की गई है, जिला अस्पताल में भोपाल से पहुंची टीम ने नवजात शिशुओं को आरओपी बीमारी को दूर करने के लिए कैम्प का आयोजन किया. जिसमें अस्पताल के सभी नवजात शिशुओं की जांच की गई. साथ ही कुछ बच्चों को अंधा होने से भी बचाया गया.

एमपी में पहला ROP सेंटर शुरू
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत जिला शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र होशंगाबाद के एसएनसीयू में प्रदेश का प्रथम आर.ओ.पी. क्लीनिक संचालित किया जा रहा है, जिसमें आरओपी के संभावित मरीजों का परीक्षण और इलाज के लिए भोपाल से डॉक्टर चाहावीर बिंद्रा आए.बिन्द्रा ने बताया कि अगर कोई बच्चा 32 सप्ताह से पहले जन्म लेता है और उसका वजन दो किलो से कम रहता है, उसमें ये बीमारी होने की आशंका रहती है. इससे आंखों की रोशनी जाने का डर रहता है. नवजात के चार सप्ताह के होने पर उसकी आंखों की अवश्य जांच कराएं. अगर बीमारी की पहचान हो जाती है तो तुरंत इलाज शुरू करा दें. इससे बच्चों की आंखों की रोशनी को बचाया जा सकता है. पहले इस तरह की बीमारी से 60 प्रतिशत बच्चे अंधेपन के शिकार हो जाते थे. इसे अब इलाज के जरिए रोका जा सकता है.

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