मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

Surya Grahan 2020 : 900 साल बाद लग रहा है ऐसा सूर्य ग्रहण, जानिए देश और दुनिया पर क्या पड़ेगा दुष्प्रभाव

ऐसा सूर्य ग्रहण करीब 5 हजार साल पहले द्वापर युग मे भी इसी खगोलीय महादशा में लगा हुआ था. उस समय महाभारत का युद्ध सूर्य ग्रहण का ही परिणाम था. जिस दौरान कई ऐतिहासिक नकारात्मक घटना हुई थी. आज कलयुग में भी ये सूर्यग्रहण आ गया है.

Gopal Prasad Khadda Astrology
गोपाल प्रसाद खड्डा ज्योतिष

By

Published : Jun 21, 2020, 7:58 AM IST

होशंगाबाद । साल का सबसे पहला और अंतिम सूर्य ग्रहण 21 जून यानी आज साल लगने जा रहा है. तकरीबन 3 घंटे 33 मिनट रहने वाले सूर्य ग्रहण अपने आप में अनूठा है. ज्योतिषिचार्य के अनुसार सूर्य ग्रहण मिथुन राशि पर आ रहा है जो कि सैकड़ों साल बाद यह संयोग बना हुआ है. ऐसा ही योग 5000 साल पहले द्वापर युग मे बना था. जब महाभारत के रूप मे लाखों की लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी.

सूर्यग्रहण का ये होगा दुष्प्रभाव

6 ग्रह वक्री रहेंगे

वहीं योग आज के सूर्यग्रहों पर पड़ने जा रहे हैं. इस बार एक साथ 6 ग्रह बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु ,केतु यह 6 ग्रह आज के ग्रहण वक्री रहेंगे. ग्रहण के दिन अशुभ गण्डयोग, पूर्ण कालसर्प योग, मिथुन राशि से अष्टम में राशिगत गुरु वक्री, शनि इस तरह षडाष्ठक योग भी बन रहा है.

900 साल पहले बाद घटित होगा ये

भारत की कुंडली में काल पुरुष का मुख्य स्थान यही है. यहां मिथुन राशि पर ग्रहण होगा. जिस तरह का यह ग्रहण है. वैसा 900 साल पहले बाद घटित होगा. कंकणाकृती ग्रहण होने के साथ ही यह ग्रहण रविवार को होने से और भी दुर्लभ ग्रहण हो गया है.

महाभारत युद्ध भी सूर्यग्रहण का ही परिणाम था

ऐसा ग्रहण करीब 5 हजार साल पहले द्वापर युग मे भी इसी खगोलीय महादशा में सूर्य ग्रहण लगा हुआ था. उस समय महाभारत का युद्ध सूर्य ग्रहण का ही परिणाम था. जिस दौरान कई ऐतिहासिक नकारात्मक घटना हुई थी, जो आदि से अनंत लोगों के जीवन मे बनी हुई हैं, जो सभी घटना इसी योग मे हुई थी.

देश में युद्ध जैसे हालात

आज विश्व पटल पर विश्व युद्ध जैसा वातावरण चल रहा है. भारत और चीन के रिश्तों में तनाव आ चुका है. इस सूर्य ग्रहण से कुछ दिन पहले ही युद्ध के मुहाने पर दोनों देश पहुंच चुके हैं. ऐसे में उसी मिथुन राशिफल में सूर्य ग्रहण का आना दोनों ही देश युद्ध के लिए तैयार दिखाई दे रहे हैं.

वहीं देश और दुनिया में कोरोना वायरस के रूप में महामारी आई है. जिसके चलते हजारों लोगों की मौत हो चुकी है और फिलहाल इसके अंत का कोई नतीजा दिखाई नहीं दे रहा है. ऐसे में इस सूर्य ग्रहण का इस महामारी से जोड़कर देखना स्वाभाविक सी घटना दिखाई दे रही है, जहां दुनिया में हजारों लोग चंद मिनटों में मौत के मुंह में समाते जा रहे हैं, लेकिन आधुनिक विज्ञान इसको रोकने में फिलहाल नाकाम साबित हो रहा है.

देश में आर्थिक संकट

वहीं देश की 2020 से ही लगातार जीडीपी में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. देश आर्थिक संकट से जूझ रहा है. ऐसे में यह सूर्य ग्रहण द्वापर युग की तारा कलयुग में कहीं भारी हानी ना पहुंचा दे.

जहां 5000 साल पहले महाभारत के काल में इसी युग के चलते लाखों लोगों की जान गंवाई थी. वहीं अब कलयुग में यही योग सूर्य ग्रहण पड़ रहा है कहीं यह भी तबाही का काल तो नहीं बन रहा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details