नर्मदापुरम। अखिल भारत हिंदू महासभा इन दिनों धार के भोजशाला स्थित मां वागेश्वरी मंदिर को पूरी तरह खोलने का अभियान चला रही है. इस आंदोलन को खड़ा करने के लिए महासभा लोगों को जोड़ने में जुटी है. इसी सिलसिले में महासभा के पदाधिकारियों ने इटारसी में कार्यकर्ता सम्मेलन एवं स्वाभिमान सभा का आयोजन किया. इसमें गोडसे जिंदाबाद के नारे लगाए गए. पदाधिकारियों ने गोडसे को राष्ट्र के लिए आदर्श तक बता दिया.
Narmadapuram News: हिंदू महासभा की बैठक में लगे गोडसे जिंदाबाद के नारे, राष्ट्र के लिए बताया आदर्श, इतिहास को छुपाने का लगाया आरोप - इटारसी न्यूज
अखिल भारत हिंदू महासभा ने धार के भोजशाला स्थित मां वागेश्वरी मंदिर को पूरी तरह मुक्त कराने की मुहिम छेड़ी है. इसके लिए समर्थन जुटाने महासभा ने नर्मदापुरम में बैठक का आयोजन किया. इसमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के लिए जिंदाबाद के नारे लगाए गए.
गोडसे ने गांधी को पिता तुल्य माना :इटारसी में मेहरागांव रोड पर एक गार्डन में रविवार को हिंदू महासभा का सम्मेलन हुआ. इसमें महासभा के राष्ट्रीय महासचिव देवेंद्र पांडेय ने कहा, 'नाथूराम गोडसे के इतिहास को छुपाया गया है. जो लोग उनको हत्यारा मानते हैं, वे प्रमाणिकता के आधार पर मुझसे बात करें. गोडसे हिंदू महासभा के कर्मठ नेता थे. उन्होंने गांधी को पिता तुल्य माना लेकिन राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए पिता का ही बलिदान दे दिया. उन्हें सिर्फ एक लाइन में हत्यारा कह देने से वे हत्यारे नहीं हो जाते. पूरे विश्व में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं हुआ, जिसे सजा सुनाने के बाद जज ने त्यागपत्र दे दिया हो और उनकी जीवनी लिखी हो. निश्चित तौर पर गोडसे को इस राष्ट्र का आदर्श होना चाहिए. उनका मानना था कि राष्ट्र सर्वोपरि है. गोडसे ने इस बात को सिद्ध भी किया है इसलिए हम गोडसे का नारा पहले भी लगाते थे, अब भी लगाते हैं और आगे भी लगाते रहेंगे.'
भोजशाला को मुक्त कराने यात्रा : पांडेय ने बताया कि महासभा ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की लड़ाई लड़ी. अब धार स्थित भोजशाला के सरस्वती देवी मंदिर को मुक्त कराने का संकल्प लिया गया है. इसके लिए पूरे मध्यप्रदेश में धर्म मर्यादा रक्षा यात्रा निकाली जाएंगी. इसे 5 भागों में बांटा गया है. यह यात्रा आगरमालवा स्थित मां बगलामुखी मंदिर, खंडवा के तुलजा भवानी मंदिर, सतना में मैहर के मां शारदा देवी मंदिर, दतिया के मां पीताम्बरा देवी मंदिर और देवास के मां चामुंडा देवी मंदिर से प्रारंभ की जाएंगी. यह सभी यात्राएं अलग-अलग जिलों से होते हुए धार भोजशाला पहुंचेंगी.