नर्मदापुरम। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र के चूरना रेंज में 26 जून को मिले बाघ के शिकारियों को पकड़ने में एसटीआर की टीम को सफलता हासिल हुई है. आरोपी बैतूल जिले के ग्राम धांसई के रहने वाले है, तीन आरोपियों ने मिलकर बाघ के सर को काटा था और एक तालाब में पन्नी में बंधकर उसे छुपाने की कोशिश की थी. आरोपियों से पूछताछ में सामने आया है कि बाघ की मृत्यु प्रकृतिक हुई थी, जिसके बाद आरोपियों ने बाघ का सर कुल्हाड़ी से काटा था जिसे टीम ने बरामद कर लिया है. बाघ के सर का उपयोग तंत्र मंत्र क्रियाओं के लिए काटा गया था. आरोपियों में मृतक अनीश उईके नाम का नाम भी सामने आया है जिसने 2 जुलाई को आत्महत्या कर लिया था. आरोपी अनीश प्राइवेट जिप्सी चलाने का काम करता था. दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश कर दिया गया है. जहां से उन्हें जेल पहुंचा दिया गया.
बाघ का शव मिलने से फैली सनसनी: एसटीआर की चूरना रेंज की डबरा बीट में 26 जून को एक बाघ का शव करीब पांच दिन पुराना सड़ी गली हालत में मिला था जिसका सर नहीं था.जानकारी लगने के बाद प्रदेश भर में हड़कंप मच गया था. शिकार के बाद रिजर्व की कमजोर सुरक्षा व्यवस्था को तोड़ते हुए शिकारी बाघ का शिकार कर उसका सिर काट ले गए थे. डिप्टी डायरेक्टर संदीप फेलिज ने बताया की मामले को लेकर लगातार सर्चिंग की जा रही थी, दो डॉग स्कॉड टीम सर्चिंग कर रही थी डॉग सूंघते हुए ग्राम धंसाई के पास तक पहुंचे थे जिसके बाद आरोपियों की इसी ग्राम में होने की संभावना थी.
आरोपियों को भेजा जेल: डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि दो आरोपियों को एक मृत बाघ के जंगल में होने की सूचना लगी थी तभी कुछ दिन बाद तीनों आरोपियों ने जंगल क्षेत्र में पहुंचकर बाघ के सर को काट लिया था और पन्नी में बांधकर पानी में छिपा दिया था, जिसे बाद में 6 जुलाई को टीम को गांव के पास कुछ दूरी पर बाघ का सर मिला था जिसे कुत्ते खा रहे थे. आरोपियों से बाघ के केनाइन दांत और कुल्हाड़ी जब्त की गई है. आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया है जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया है.