होशंगाबाद। होशंगाबाद जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती महिला का ऑक्सीजन लेवल एकदम कम होने पर महिला को भोपाल रेफर करने के निर्देश दिए गए. जिसके बाद 4 घंटे एम्बुलेंस नहीं पहुंची, और महिला की जिला मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूरी रास्ते में ही मौत हो गई. जबकि जिला पंचायत सीईओ ने बताया कि कमेटी ने सुबह ही निर्णय ले लिया था कि महिला को आईसीयू और वेंटिलेटर की आवश्यकता है.
इस लापरवाही का कौन जिम्मेदार ? समय पर एम्बुलेंस नहीं मिलने से कोरोना संक्रमित महिला की मौत
होशंगाबाद जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा करीब 4 घंटे बाद भोपाल रेफर के लिए एंबुलेंस उपलब्ध कराई गई. जिसके चलते समय पर महिला को सही उपचार नहीं मिलने से कोरोना से पीड़ित की मौत हो गई.
दरअसल होशंगाबाद की रहने वाली सालिनी नायक को सांस लेने में दिक्कत होने के चलते मंगलवार को अस्पताल में भर्ती कराया था. जिसकी सुबह तबीयत बिगड़ने के बाद डॉक्टरों की बनाई गई तीन सदस्यीय कमेटी ने सुबह 10 बजे ही महिला को रेफर करने के आदेश दिए थे. मृतक महिला के भतीजे अमित नायक ने बताया कि डॉक्टर द्वारा जिला अस्पताल से दोपहर 3 बजे के बाद ही एंबुलेंस उपलब्ध कराई गई. जिसके चलते पर्याप्त सुविधा और वेंटिलेटर नहीं मिलने के चलते भोपाल ले जाते समय रास्ते में ही मौत हो गई.
पूरे मामले में नोडल अधिकारी मनोज सरयाम का कहना है कि महिला को सुबह ही रेफर के आदेश जारी कर दिए गए थे. रेफर करने में इतनी देरी क्यों हुई इस पर जांच करके आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वहीं जिले में अब तक कोरोना से 10 लोगों की मौत हो चुकी है.