होशंगाबाद। इटारसी के ढाबा खुर्द में जैविक खेती करने वाले किसान को संस्कृति मंत्रालय के विजन डाक्यूमेंट 'द विजन आफ अंत्योदय' में स्थान मिला है. इस पुस्तक का विमोचन 12 फरवरी को उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू अपने निवास पर आयोजित एक समारोह में किया था, पुस्तक में देश की जिन प्रतिभाओं के कार्यों को शामिल किया है, उनको भी आमंत्रित किया गया था.
बैंक की नौकरी छोड़ जैविक खेती करने वाले किसान के आइडिया को संस्कृति विभाग के 'विजन डॉक्यूमेंट' में जगह - Itarsi, Hoshangabad
होशंगाबाद के ढाबा खुर्द में जैविक खेती करने वाले किसान प्रतीक शर्मा को 'द विजन आफ अंत्योदय' में स्थान मिला है. प्रतीक बैंक के रीजनल मैनेजर की नौकरी छोड़कर जैविक खेती करने का निर्णय लिए थे, जिसमें उनकी पत्नी भी सहयोग कर रही हैं.

ढाबा खुर्द गांव के युवा किसान प्रतीक शर्मा को 'द विजन आफ अंत्योदय' में स्थान मिला है. प्रतीक ग्राम सेवा समिति रोहना और निटाया के जैविक बाजार में अपने उत्पाद पहुंचाते हैं और प्रतीक समिति के सदस्य भी हैं. ढाबा खुर्द में जन्मे प्रतीक शर्मा बैंक के रीजनल मैनेजर की नौकरी छोड़कर अपने जन्मस्थान पहुंचकर खेती करने लगे.
उन्होंने कोटक महिन्द्रा बैंक के रीजनल मैनेजर की नौकरी 2015 में छोड़ी और ढाबा खुर्द पहुंचकर जैविक खेती की शुरुआत की. उनकी पत्नी प्रतीक्षा शर्मा भी उनके साथ नौकरी छोड़ी और वे भोपाल में जैविक उत्पाद के कलेक्शन सेंटर को संभालकर प्रतीक का साथ निभाती हैं.