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लागत ज्यादा-मुनाफे में कमी, किसानों ने छोड़ी पारंपरिक खेती, अब रेत में उगाने लगे ये सब्जी - गर्मियों के फल

मिट्टी में उगने वाली हरी सब्जियों को एमपी के किसानों ने रेत में उगाना शुरू कर दिया है. इतना ही नहीं यहां के किसानों ने तो अपनी पारंपरिक खेती तरबूज-खरबूज की खेती भी छोड़ दी है. किसानों का कहना है कि, पारंपरिक खेती में पैदावार कम होने से इन्होंने अपनी खेती बदल दी है.

Narmadapuram growin vegetable in sand
नर्मदापुरम रेत में उगने वाली सब्जियां

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Published : Apr 20, 2023, 4:22 PM IST

नर्मदापुरम।जिले में तवा और नर्मदा नदी के किनारे रहने वाले किसानों ने मिट्टी में पैदा होने वाली सब्जियों को अब रेत पर लगाना शुरू कर दिया है. यह किसान 4 माह तक सब्जियों को रेत पर लगाकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. किसानों ने अपनी 4 माह की पारंपरिक खेती खरबूज, तरबूज, ककड़ी की फसल लगाना बंद कर दिया है. किसानों की मानें तो उन्हें लागत ज्यादा पड़ रही है और मुनाफा कम होता था, साथ ही इस 4 माह की खेती में पैदावार भी कम होती थी.

इस वजह से लिया फैसला: लागत ज्यादा और मुनाफा कम होने के कारण किसानों ने अपनी पारंपरिक खेती को बदल दिया है. अब यहां के किसानों ने अपनी पारंपरिक खेती को छोड़कर रेत में सब्जियां उगा रहे हैं. यह किसान एक सीजन में सब्जियों की 3 से 4 फसल उगाते हैं. किसानों का मानना है कि तरबूज-खरबूज की फसल लगाने में लागत अधिक होती थी और मुनाफा कम होता था. इसी कारण यह फैसला लिया गया है.

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लागत के मुताबिक मुनाफा ज्यादा:तवा नदी के किनारे रेत पर खेती करने वाले किसान चेतन ने बताया कि "तरबूज, खरबूज की पैदावार अब कम हो गई है. पहले अधिक होती थी, तो सभी किसान इसे लगाते थे. अभी खेत में टमाटर, बरबटी, गिलकी, लौकी जैसी सब्जियां लगाई गई हैं. सब्जियों से होने वाले मुनाफे को लेकर उन्होंने बताया कि लागत के हिसाब से काफी मुनाफा होता है."

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