होशंगाबाद: उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह ने रोपनीभवानी कुंज विकासखंड होशंगाबाद में आयोजित कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम में किसानों को संबोधित किया. उन्होंन कहा कि किसान भाई दोहरी भूमिका में आगे आए, वे फसलों के उत्पादन के साथ-साथ उनके प्रसंस्करण भी करें. उन्होंने कहा कि फसलों के उत्पादन के साथ-साथ सुरक्षा की गारंटी सरकार की है. किसान आगे आएं एवं योजनाओं का लाभ उठाएं. मंत्री कुशवाह ने कहा कि किसानों के आत्मनिर्भर बनने पर ही प्रदेश व देश आत्मनिर्भर बनेगा. किसानों की आय दोगुना करने व खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार कृत संकल्पित है.
राज्यमंत्री ने कहा कि उद्यानिकी फसलों के उत्पादन एवं खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में मॉडल विकासखंड बनाने के लिए प्रदेश के कुल 20 विकासखंडों का चयन किया गया है, जिसमें होशंगाबाद विकासखंड भी शामिल है. होशंगाबाद विकासखंड में आने वाले समय में उद्यानिकी व खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में केंद्र एवं राज्य सरकार की संचालित योजनाओं के साथ-साथ नवाचारों का प्रयोग प्राथमिकता से किया जाएगा. आदर्श विकासखंड में किसानों को खेती की उन्नत तकनीकों से अवगत कराने, उद्यानिकी फसलों के गुणवत्तायुक्त उत्पादन, खाद्य प्रसंस्करण व नवीन नवाचारों के लिए 10 से 15 करोड़ रुपए की राशि व्यय की जाएगी, जिसका सीधा लाभ किसान भाइयों को मिलेगा.
किसान उत्पादन के साथ खाद्य प्रसंस्करण अपनाएं- राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह किसान छोटी-छोटी खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करें राज्यमंत्री कुशवाहा ने कहा कि किसान अपनी उत्पादित फसलों के प्रसंस्करण के लिए छोटी-छोटी इकाइयां स्थापित करें. इकाइयों के स्थापना के लिए सरकार द्वारा 35% अनुदान की सुविधा दी जाएगी. खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के माध्यम बेरोजगार युवाओं को रोजगार से जोड़ा जा सकेगा, उन्होंने कहा कि उद्यानिकी फसलों के भंडारण के लिए शहरों के साथ-साथ तहसील एवं किसानों के खेत पर योजना के माध्यम से कोल्ड रूम तथा कोल्ड स्टोरेज स्थापित करने की व्यवस्था की गई है. फसलों की सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री फसल सुरक्षा योजना लागू की जाएगी.
उद्यानिकी फसलों के उत्पादन में प्रदेश आगे
राज्य मंत्री कुशवाह ने कहा कि मध्य प्रदेश उद्यानिकी फसलों के उत्पादन में अग्रणी राज्य है। संतरा, लहसुन, धनिया के उत्पादन में प्रदेश देश में प्रथम एवं अमरूद, टमाटर और प्याज के उत्पादन में द्वितीय स्थान पर है. उन्होंने कहा कि हमारे मेहनती किसानों के परिश्रम का ही नतीजा है कि प्रदेश को 5 बार कृषि कर्मण अवार्ड प्राप्त हुआ है. उन्होंने कहा कि एक जिला एक उत्पाद के तहत होशंगाबाद जिले में अमरूद का चयन किया गया है. जिले में अमरूद की खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां के स्थापना के साथ साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमरूद की ब्रांडिंग के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे.
जिला पंचायत अध्यक्ष कुशल पटेल ने कहा कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. सरकार की किसान हितैषी नीतियों का परिणाम है कि प्रदेश में अनाज, सब्जियों एवं फलों का भरपूर उत्पादन हो रहा है.
फसलों के उत्पादन एवं खाद्य प्रसंस्करण की दिशा में बढ़ना होगा
विधायक सीतासरन शर्मा ने कहा कि किसानों को अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए उद्यानिकी फसलों के उत्पादन एवं खाद्य प्रसंस्करण की दिशा में बढ़ना होगा. उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में होशंगाबाद जिला देश में छाया हुआ है. गेहूं के उत्पादन में आज प्रदेश पंजाब को पीछे छोड़कर अग्रणी राज्य बन गया है, उन्होंने कहा कि उद्यानिकी फसलों के उत्पादन से दोहरे लाभ हैं. एक और जहां उद्यानिकी फसल पर्यावरण की सुरक्षा की दृष्टि से लाभकारी है, वहीं किसान गुणवत्तायुक्त उद्यानिकी फसलों से अधिक मुनाफा कमा सकता है.
जनपद अध्यक्ष संगीता सोलंकी ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित किसानों को जैविक खेती के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी एवं किसानों को जैविक खेती की ओर अग्रसर होने के लिए प्रोत्साहित किया. पीयूष शर्मा ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि किसान गुणवत्ता युक्त उद्यानिकी फसलों का उत्पादन करें एवं उनका प्रसंस्करण करें. खाद्य प्रसंस्करण की दिशा में सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. किसान भाई आगे आए एवं उनका लाभ उठाएं.
किसानों को स्प्रिंकलर सेट का वितरण
राज्य मंत्री श्री कुशवाहा ने ग्राम नया साकई के कुल 236 कृषकों को स्प्रिंकलर सेट का वितरण किया. कार्यक्रम में सांकेतिक रूप से ओझालाल, दुर्ग सिंह, भज्जी श्यामलाल, सेजराम, बाबू ,बबलू, शंकर, मालक, फंदू को स्प्रिंकलर सेट का वितरण किया गया. मंत्री ने कार्यक्रम में कृषि के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 11 कृषकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. राज्य मंत्री ने कार्यक्रम में कृषि की उन्नत तकनीक हाइड्रोपोनिक सिस्टम का भी अवलोकन किया. हाइड्रोपोनिक सिस्टम के माध्यम से किसान बिना जमीन के लिक्विड फर्टिलाइजर एवं प्यूरिफाई वॉटर के साथ फसलों का उत्पादन कर सकते हैं.