होशंगाबाद। प्रदेश मे समर्थन मूल्य पर सरकार ने मक्का खरीदी की घोषणा की थी, लेकिन रजिस्ट्रेशन के 4 महीने के बाद भी खरीदी शुरु नहीं हो पाई. समर्थन मूल्य पर सरकार द्वारा एमएसपी मक्के का 1835 रुपए तय किया गया था, लेकिन खुले बाजार में मक्का 1000 से 1500 क्विंटल तक बिक रहा है. सरकार की लापरवाही के कारण किसानों को मक्के का उचित दाम नहीं मिल रहा.
समर्थन मूल्य पर मक्का खरीदी का वादा झूठा, प्रदेश सरकार से किसानों का उठ रहा भरोसा
प्रदेश सरकार पर से किसानों का भरोसा उठता जा रहा है. प्रदेश मे समर्थन मूल्य पर सरकार ने मक्का खरीदी की घोषणा की थी, लेकिन आज तक समर्थन मूल्य पर मक्के की खरीदी शुरु नहीं हो सकी है.
किसानों ने मक्का के साथ धान की खरीदी का रेजिस्ट्रेशन कराया था, धान की खरीदी तो सरकार ने शुरू कर दी है, लेकिन मक्का की खरीदी अभी तक शुरू नहीं की गई है.अब किसानों को लगने लगा है कि सरकार समर्थन मूल्य पर धान की मक्का की खरीदी नहीं करेगी, जिसके चलते किसान मक्का कम दाम पर 1000 हजार रुपये किलो खुले बाजार में बेचने को मजबूर हो रहे हैं. इसको लेकर किसानों का कहना है कि पहले ही सरकार किसानों को बोनस की राशि नहीं दे रही है और अब टाल-मटोल कर मक्का भी समर्थन मूल कर नहीं खरीद रही है.
ऐसे में सरकार के ऊपर से किसानों को विश्वास उठता जा रहा है. वहीं अन्य किसानों को कहना है कि समर्थन मूल पर मक्का खरीदी को लेकर अन्य स्थानों पर अधिकारियों को ज्ञापन द्वारा सरकार को अवगत कराया जा रहा है, लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है. वहीं धान बिक्री के बाद अभी तक फसल के रुपए किसानों को नहीं मिल पाए हैं.