होशंगाबाद। लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से बेरोजगार हुए लोगों को किराए में छूट देने या माफ करने की बात कही थी, लेकिन लॉकडाउन के चलते कई किराएदार प्रभावित हुए हैं, जिन्हें अपने रोजगार के साथ घर भी छोड़ना पड़ा है. किराया नहीं देने की वजह से होशंगाबाद के एक दंपति को मकान मालिक ने घर से बेघर कर दिया. जिसके चलते दोनों प्राचीन मंदिर की गौशाल में सेवा करके जीवन बिता रहे हैं.
माकन मालिक ने घर से निकाला मंदिर में गुजारा करने को मजबूर दंपति
इंदौर के रहने वाले 47 वर्षीय राजेश कौशल और 45 वर्षीय आशा कौशल सदर बाजार में किराए के मकान में रहते थे, पिछले तीन साल से होशंगाबाद में मजदूरी कर रहे थे, लेकिन लॉकडाउन में काम बंद होने की वजह से तीन महीने का किराया नहीं दे पाए, जिसके चलते मकान मालिक ने पहले तो इनका बिजली और पानी का कनेक्शन काट दिया, उसके बाद इन्हें घर से बाहर निकाल कर ताला लगा दिया. गरीब दंपति का पहले ही रोजगार चला गया और अब छत भी छिन गई. जिसके चलते अब ये दंपति प्राचीन जगदीश मंदिर में अपना जीवन व्यापन कर रहा है.
दो वक्त की रोटी के लिए गौशाला में काम
बेघर राजेश कौशल और उस पत्नी भटकते हुए प्राचीन जगदीश मंदिर पहुंच गए, जहां मंदिर प्रबंधन द्वारा मुसीबत देख गौशाला में गायों की सेवा के लिए रख लिया. पत्नी मंदिरों की साफ सफाई करती हैं, तो वहीं राजेश गौ- शाला में गाय की सेवा करता है. समाजसेवी प्रकाश शिवहरे का कहना है कि, इस तरह से संकट की घड़ी मे लोगों की मदद की जगह इस तरह से बर्बरता को समाज के नियमविरुद्ध है. साथ ही दंपती की मदद करने का भी समाजसेवीयों ने आश्वासन दिया है. वहीं इस मामले मे अपर कलेक्टर ने मकान मालिक के खिलाफ नोटिस जारी कर कार्रवाई करने की बात कही है.