होशंगाबाद। जिले की सिवनी मालवा के कृषि उपज मंडी स्थित विश्राम गृह में राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के संस्थापक दर्शन सिंह चौधरी ने समर्थकों के साथ बैठक करके प्रदेश सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की हुंकार भरी.
बैठक में बिजली-पानी और किसानों से जुड़ी समस्याओं को लेकर चर्चा किया गया. दर्शन सिंह ने बताया कि तमाम समस्याओं को लेकर ज्ञापन दिया जायेगा और जरुरत पड़ी तो चक्काजाम भी करेंगे. हालांकि इस बैठक के बाद राजनीतिक विश्लेषकों ने तमाम तरह के कयास लगाने शुरू कर दिए हैं.
सरकार के खिलाफ किसान नेता दर्शन सिंह ने भरी आंदोलन की हुंकार राजनीतिक गलियारों में अब यह चर्चा आम है कि दर्शन सिंह चौधरी को तवज्जों नहीं मिलने के चलते वे भाजपा से ऊब चुके हैं और शायद फिर से लड़खड़ा चुके राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ को जिंदा कर अपनी अहमियत साबित करना चाहते हैं. या फिर महासंघ को खत्म कर पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को भाजपा में शामिल करने की कोई सोची समझी रणनीति हो सकती है. हालांकि दर्शन सिंह ने इन सभी बातों से साफ इनकार कर दिया है.
गौरतलब है कि भारतीय किसान संघ के टूटने के बाद राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ का गठन हुआ था. जिसमें प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा (कक्का जी) ने किसानों की समस्याओं को लेकर देश के 118 किसान संगठनों को एकत्रित कर राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के नाम से एक नए संगठन बनाया था. इस संगठन के जरिये किसानों की समस्या को राष्ट्रीय स्तर पर उठाया गया था. राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ एवं महासंघ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले संस्थापक सदस्य दर्शन सिंह चौधरी ने बीते विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी का दामन थाम लिया था.
बीजेपी के लोग इसलिए परेशान थे कि दर्शन सिंह चौधरी ने सार्वजानिक रूप से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कोसने में कभी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. फिर चाहे वो डम्पर कांड हो या व्यापमं हमेशा शिवराज को जनता की अदालत में अपने कठोर शब्दों के माध्यम से खड़ा किया है, फिर कैसे दर्शन सिंह बीजेपी किसान मोर्चा में इतना बड़ा पद ले आये. वहीं पुराने किसान संघ के पदाधिकारी भी अचंभे में थे कि हमारा इतना इमानदार और जुझारू साथी हमको सिर्फ सत्ता सुख के लिए कैसे छोड़ रहा है.