होशंगाबाद।हमारे देश भारत के साथ ही दुनिया के तकरीबन 150 देशों में उच्च दर्जे के होटल, रेस्टोरेंट सहित हॉस्पिटल जैसे संस्थानों को उनकी गुणवत्ता के आधार पर ISO (International Organization for Standardization) प्रमाणित किया जाता है, लेकिन ISO ने कुछ साल पहले श्मशान घाटों को वहां की सुविधाओं के अनुसार प्रमाणित करना शुरू किया है. ऐसा ही एक श्मशान घाट होशंगाबाद जिले के इटारसी शहर में भी मौजूद है.
देश का पहला ISO सर्टीफाइड श्मशान घाट होने का दावा
2010-11 में बने इस श्मशान घाट को 2011 में ही आईएसओ प्रमाणित किया गया. ये श्मशान घाट अपनी खूबसूरती और आधुनिक सुविधाओं के लिए प्रसिद्ध है, जोकि होशंगाबाद के इटारसी में मौजूद है. इसे शहर में शांति धाम नाम से जाना जाता है. यहां आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं, जो अमूमन एक श्मशान घाट में देखने को नहीं मिलती हैं. इस शांति धाम के संचालक इसे भारत का पहला ISO प्रमाणित श्मशान घाट होने का दावा भी करते हैं.
अंतिम संस्कार के तरीके ने दिलाया सर्टिफिकेट
शांति धाम का पिछले कई सालों से रखरखाव करते आ रहे समाजसेवी प्रमोद पगारे बताते हैं कि आईएसओ सर्टिफिकेट अंतिम संस्कार की पद्धति में परिवर्तन के चलते मिला है. आमतौर में अंतिम संस्कार में करीब तीन से चार क्विंटल तक जलाऊ लकड़ी का उपयोग किया जाता है, लेकिन यहां केवल दो से ढाई क्विंटल लकड़ी में ही अंतिम संस्कार हो जाता है. साथ ही यहां पर पेड़ों की कटाई और लकड़ी के बचाव के लिए केवल गोबर के कंडे से ही अंतिम संस्कार की सुविधा दी जाती है. लकड़ी का उपयोग मात्र मानक रूप में किया जाता है.
आधुनिक बैठक हॉल, गार्डन और पुस्तकालय
इटारसी के इस श्मशान घाट में आधुनिक व्यवस्था सहित पुस्तकों का संग्रहण किया गया है, जिसे यहां शव यात्रा में आने वालों के पढ़ने के लिए दिया जाता है. इसके अलावा यहां आधुनिक श्रद्धांजलि हॉल सहित कई बगीचों का निर्माण किया गया है, जहां दुर्लभ प्रजाति के पौधे भी रोपे गए हैं, यहां मॉर्निंग वॉक और योग के लिए शहर के लोग भी सुबह शाम पहुंचते हैं.
बगिया में ऊगती है सब्जियां
यहां पर खाली पड़ी जमीन पर सब्जियों और फूलों की खेती की जाती है, जिससे मिलने वाली उपज को बाजार में बेचा जाता है. उससे होने वाली इनकम को संस्था के लोग इसी के रखरखाव में लगाते हैं. यही कराण है कि साल 2011 से इस श्मशान घाट की गुणवत्ता बरकरार है.
समुद्र के साथ पवित्र नदिया के जल का संग्रहण
अंतिम क्रिया में उपयोग होने वाली सभी सामग्री यहां आसानी से मिल जाती है, इसके साथ ही यहां समुद्र के जल सहित अन्य पवित्र नदियों के जल का संग्रहण भी किया गया है. अस्थि कलश को सुरक्षित रखने के लिए लॉकर की सुविधा भी दी जाती है. सबसे खास बात यह है कि यहां के प्रबंधन की कोशिश होती है कि वह ज्यादा से ज्यादा सामग्रियों को रिसायकल कर पाएं.