होशंगाबाद। जिले में कोरोना संक्रमण की चुनौतियों के बाद भी समर्थन मूल्य पर किसानों से गेहूं खरीदी कार्य सफल तरीके से हुआ. जिले में कलेक्टर धनंजय सिंह के निर्देशन में जिले में खरीदी के लिए निर्धारित सभी केन्द्रों पर किसानों की सुविधाओं के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए. होशंगाबाद जिला पिछले साल की तरह इस साल भी गेहूं खरीदी में अव्वल रहा.
होशंगाबाद जिला प्रशासन द्वारा कोरोना संक्रमण के संकट में किसानों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखते हुए व्यवस्थित खरीदी के लिए रणनीति बनाई गई थी. उसका मैदानी स्तर पर प्रभावी तरीके से इंप्लीमेंटेशन किया गया. सेंटर सिलेक्शन , ट्रांसपोर्टिंग एंड स्टोरेज प्लानिंग, जिला स्तरीय नोडल ऑफिसर की तैनाती , किसानों को समय पर भुगतान, माइक्रो मॉनिटरिंग सिस्टम आदि फैक्टर्स पर विशेष काम किया गया.
तेजी से परिवहन, तेजी से भुगतान
खरीदी केंद्रों से गेहूं के उठाव के लिए परिवहन कर्ताओं से समन्वय कर ज्यादा से ज्यादा परिवहन कार्य किए गए. कलेक्टर द्वारा लगातार मॉनिटरिंग कर तेजी से परिवहन किया गया. जिले में समर्थन मूल्य पर 852724 मीट्रिक टन गेहूं खरीदी गई तथा 842618 मीट्रिक टन गेहूं का परिवहन किया गया है, जो की कुल खरीदी मात्रा का 99 प्रतिशत है. साथ ही तेजी से भुगतान की कार्यवाही कर 72666 किसानों को 1566.95 करोड़ का भुगतान किया गया है, ताकि कोरोना महामारी के इस संकट किसान आर्थिक रूप से परेशान न हो।
खरीदी केंद्रो की व्यवस्थित मैपिंग
जिले में उपार्जन कार्य के पूर्व से ही सभी व्यवस्थाएं किए जाने के लिए कार्यवाही की गई. समस्त एसडीएम, तहसीलदार, एवं उपार्जन संबंधी अधिकारियों द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में समितियों का मौका भ्रमण कर खरीदी कार्य के लिए उपयुक्त केंद्रों पर कार्यवाही की गई. किसानों की सुविधाओं हेतु 244 खरीदी केन्द्रों का निर्धारण किया गया. केंद्रों के चयन में उपज के तेजी से परिवहन एवं सुरक्षित भंडारण पर ध्यान दिया गया. इन केंद्रों पर बारदाना, तोलकांटा एवं अन्य लजिस्टिक्स की उपलब्धता सुनिश्चित की गई और आवश्यक लॉजिस्टिक्स की आपूर्ति हेतु प्रत्येक स्तर पर सतत मॉनिटरिंग की गई.
गेहूं खरीदी की त्रि-स्तरीय मॉनिटरिंग व्यवस्था
कलेक्टर धनंजय सिंह द्वारा खरीदी केंद्रों पर व्यवस्था एवं किसानों की समस्याओं के निराकरण के लिए त्रि-स्तरीय मॉनिटरिंग व्यवस्था बनाई गई. जिसमें जिला,अनुविभाग एवं तहसील स्तर के प्रत्येक केंद्रों पर नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए , जिनके द्वारा ना केवल खरीदी कार्य की सघन मॉनिटरिंग बल्कि किसानों की समस्याओं का मौके पर ही निराकरण किया जा रहा है। कलेक्टर द्वारा लगातार खरीदी कार्य की नियमित माइक्रो मॉनिटरिंग एवं मौका भ्रमण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया.