होशंगाबाद।बीते दिनों से प्रदेश सहित जिले में भारी बारिश का दौर जारी है. प्रदेश के कई जिले जलमग्न हो गए हैं. खासकर नर्मदा नदी के रौद्र रूप से लोगों को काफी समस्या हो रही है. हालांकि अब बाढ़ का पानी कम हो गया है. जिले के लिए बाढ़ आफत की पुड़िया बनती जा रही है. तीन दिन से खतरे के निशान से ऊपर बहती नर्मदा नदी और सहायक नदियों का बैकवॉटर लोगों की जिंदगी और उनकी मेहनत को कई महीनों पीछे ले गया है. कुछ घंटों में ही अचानक से आया जल सैलाब से आम परिवारों को लाखों का नुकसान हुआ है. लगातार होती बारिश और अचानक से नर्मदा में बांधों से पानी आने के चलते शहर में तेजी से जलभराव की स्थिति बन गई है. लोगों के घर देखते देखते ही एक-एक मंजिल तक डूब गए, लेकिन इस बीच प्रशासनिक मदद समय पर नहीं पहुंच पाई. ऐसे में जब ईटीवी भारत जब बाढ़ पीड़ितों से मिलने पहुंचा तो उन्होंने अपना दर्द बयां किया.
नर्मदा पर उफान पर होने के बावजूद प्रशासन का सुस्त रवैया लोगों की परेशानी का सबब बना हुआ है. प्रशासन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है. ऐसे में लोगों का हाल बेहाल हुआ जा रहा है. बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए भी प्रशासन कोई सतर्कता नहीं दिखा रहा है. कई लोगों के घर बर्बाद हो गए हैं. बाढ़ में धाराशायी हुए घर के मालिक रामकुमार अहिरवार का कहना है कि ना ही प्रशासन घर गिरने के बाद तह लेने पहुंचा और ना ही किसी तरह की मदद पहुंचाई. पड़ोसियों के घर में रहकर बीते 3 दिन से जिंदगी काट रहे हैं. ऐसे में जब मीडिया पीड़ितों से मिलने पहुंचा तो उन्होंने अपना दर्द बयां किया.
प्रशासन से नहीं पहुंची कोई मदद
होशंगाबाद का संजय नगर इलाका बैकवॉटर से काफी प्रभावित हुआ है. इसके बावजूद प्रशासन लोगों की मदद को नहीं पहुंच पाया है. लोगों ने 2 दिनों तक घर की छतों पर रहकर गुजारा किया है. छोटी बाई नामक महिला का कहना है कि बाढ़ का पानी अचानक इतनी तेजी से आया कि घर का सामान भी नहीं बचा पाए. देखते ही देखते घर की पहली मंजिल पानी की चपेट में आ गई. कोई भी प्रशासनिक अमला मौक पर नहीं पहुंचा. जबकि बाढ़ आने पर प्रशासन की जिम्मेदारी होती है कि लोगों की जान माल की सुरक्षा करें. वहीं पानी उतरने के बाद भी अभी तक बिजली की सुविधा नहीं मिल सकी है. हम बीते तीन दिन से दीपक जलाकर कर रहने को मजबूर हो रहे हैं.