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कृषि एक्ट के खिलाफ किसानों ने खून से लिखा खत, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र भेजने की तैयारी

होशंगाबाद जिले की सिवनी मालवा में कृषि कानून के खिलाफ किसान लगातार तीन दिन से धरने पर बैठे हुए हैं. लेकिन प्रशासन का कोई भी अधिकारी उनकी गुहार सुनने अभी तक नहीं आया है. जिससे नाराज किसानों ने अपने खून से महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन लिखा है.

Farmers wrote a letter against the agricultural ordinance in blood
कृषि अध्यादेश के खिलाफ किसानों ने खून से लिखा पत्र

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Published : Sep 27, 2020, 8:21 PM IST

Updated : Sep 27, 2020, 10:09 PM IST

होशंगाबाद।जिले की सिवनी मालवा में कृषि कानून के खिलाफ किसान लगातार तीन दिन से धरने पर बैठे हुए हैं. लेकिन प्रशासन का कोई भी अधिकारी उनकी गुहार सुनने अभी तक नहीं आया है. जिससे नाराज किसानों ने अपने खून से महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन लिखा है. जिसे अनुविभागीय अधिकारी सौंपा जायेगा.

कृषि एक्ट के खिलाफ किसानों ने खून से लिखा खत

प्रशासन की उदासीनता से त्रस्त होकर किसानों धरना स्थल पर ही अपना अपना खून निकाला और फिर उस खून से देश और प्रदेश के मुखियों को पत्र लिखा. राष्ट्रपति के लिए भेजे पत्र में किसानों ने लिखा है कि "लिखा हूं ज्ञापन अपने खून से इसे लाल स्याही ना समझना तीनों एक्ट है फांसी का फंदा, वहीं प्रधानमंत्री के नाम खून से लिखे गए ज्ञापन में लिखा है कि " तीनों एक्ट किसानों के हित में नहीं हैं, कृपया इन्हें वापस लेकर किसानों के हित में स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों सीटू प्लस 50 लागत का डेढ़ गुना मूल्य बनाकर गारंटी का कानून बनाया जावे. इसके अलावा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को लिखे गए ज्ञापन में मांग की गई है कि वर्ष 2020 में अतिवृष्टि से संपूर्ण फसल खराब हो गई है, ऐसे में किसानों को आरबीसी की धारा 6-4 के अंतर्गत मुआवजा दिया जाए एवं वन ग्रामों को राजस्व ग्राम किया जाए, साथ ही सभी किसानों को पट्टा दिया जाए.

इसके अलावा धरना स्थल पर क्रांतिकारी किसान मजदूर संघ के पदाधिकारियों ने भाजपा सांसद, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के खिलाफ नारेबाजी की. आक्रोशित किसानों का कहना है कि नए कृषि अध्यादेश से किसान बर्बाद हो जाएगा. यदि सरकार किसानों के लिए कुछ करना ही चाहती है, तो लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य दिया जाए, जिससे कि किसानों को लाभ मिल सके. क्रांतिकारी किसान मजदूर संघ के प्रदेश संगठन मंत्री ब्रजमोहन यदुवंशी ने चेतावनी भी दी, कि यदि सरकार के द्वारा हमारी मांगे नहीं मानी जाती है तो क्रांतिकारी किसान मजदूर संगठन उग्र आन्दोलन करने को बाध्य होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी.

Last Updated : Sep 27, 2020, 10:09 PM IST

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