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होशंगाबाद: बारिश ने बरपाया कहर, जान जोखिम में डालकर अंतिम संस्कार करने पहुंचे परिजन - सिवनी मालवा नगर पालिका

होशंगाबाद जिले में निरंतर हो रही बारिश की वजह से अंतिम संस्कार करने में परिजनों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा, जहां कई फुट भरे पानी और ट्रेन की पटरियों पर जान जोखिम में डालकर मृतक के शव को शमशान घाट लाया गया.

Family reached Funeral during heavy rains
अंतिम संस्कार करने पहुंचे परिजन

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Published : Aug 30, 2020, 6:20 AM IST

होशंगाबाद। प्रदेशभर में लगातार हो रही बारिश से जिला भी अछूता नहीं रहा है, जहां सिवनी मालवा नगर पालिका के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. मौसम विभाग ने भी 24 घंटें में कई हिस्सों में सामान्य से भारी बारिश होने की संभावना जताई है. वहीं विगत दिनों में अलग-अलग क्षेत्रों में बारिश का क्रम बना हुआ है.

अंतिम संस्कार करने पहुंचे परिजन

सिवनी मालवा में बाढ़ ने इस प्रकार के हालात बना दिए हैं कि लोगों को अंतिम संस्कार के लिए भी कई फुट भरे पानी और ट्रेन की पटरियों पर जान जोखिम में डालकर शमशान घाट जाना पड़ रहा है. ऐसा ही एक मामला मकोडिया गांव का है, जहां बाढ़ के चलते शव यात्रा निकालने में लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

कभी बाढ़ के पानी से तो कभी ट्रेन की पटरियों से शवयात्रा को निकालने का एक वीडियो सामने आया है, जिसने शासन-प्रशासन के सभी दावों की पोल खोल कर रख दी है. दरअसल केदार यादव का लीवर खराब होने से जिला अस्पताल में रात लगभग 1 बजे मृत्यु हो गई. इस दौरान उनके शव को मकोडिया तक लाने में कई तरह की परेशानी हुई. वहीं डोलरिया हथेड़ नदी उफान पर आने से गांव का सम्पर्क भी टूट गया.

डोलरिया के रेलवे स्टेशन तक अस्पताल एम्बुलेंस द्वारा छोड़ दिया गया, लेकिन वहां से मकोड़िया तक पहुंचना परिजनों को नामुमकिन लग रहा था, क्योंकि गांव जाने के सभी मार्गों पर बाढ़ का पानी भर गया था, जिसके बाद कुछ युवाओं ने रेलवे की पटरी से जाते हुए पतलई रेलवे नाके तक शव को कंधे पर रखा.

फिर वहां से ट्रॉली की मदद से मृतक के शव को गांव लाया गया. यहां भी मुसीबतें कम नहीं हुई, क्योंकि मकोडिया में मुक्ति धाम लगभग एक किलोमीटर दूर हथेड़ नदी के किनारे बना हुआ है. वहीं 48 घंटे से हो रही मूसलाधार बारिश के चलते हथेड़ नदी उफान पर आ गई है, जिससे मजबूरन परिजनों को जंगल के रास्ते, खेतों और नाले को पार करते हुए मुक्ति धाम पहुंचना पड़ा. इसके बाद ही मृतक का अंतिम संस्कार किया गया.

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