होशंगाबाद। नगरीय निकायों में पार्षदों की मजबूती के लिए कैबिनेट ने एक ओर जहां अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने का कदम उठाया है. वहीं दूसरी ओर अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुने गए अध्यक्ष पर हमेशा दरहेगा. ईटीवी भारत की टीम ने होशंगाबाद के सिवनी-मालवा में बुधवार को नगर पालिका अध्यक्ष और पूर्व अध्यक्षों सहित अध्यक्ष पद के दावेदारों से चर्चा की. इस दौरान सभी ने अपने कार्यकाल के अनुभव भी साझा किए.
अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली को पूर्व नपा अध्यक्षों ने नकारा, ईटीवी भारत से कही ये बात - indirect election system
नगरीय निकायों में अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने के नियम पर होशंगाबाद के नगर पालिका के पूर्व अध्यक्षों ने ईटीवी भारत से बातचीत की है.
नपा के पूर्व अध्यक्षों से जब प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रणाली में से बेहतर प्रणाली के बारे में पूछा गया तो अधिकांश प्रत्यक्ष प्रणाली के पक्ष में रहे. उनका मानना है कि प्रत्यक्ष प्रणाली में अध्यक्ष को पूरा शहर चुनता है और जनता की भागीदारी रहती है. इससे उसकी जबावदेही भी पूरे शहर के प्रति रहती है.
वहीं पूर्व अध्यक्षों ने कहा कि अप्रत्यक्ष प्रणाली से पार्षद मजबूत हो जाएंगे और अध्यक्ष पर दबाव भी बना रहेगा, कुर्सी से हटाने के लिए सौदेबाजी भी हावी हो सकती है और भ्रष्टाचार बढ़ने की आशंका को भी नकारा नहीं जा सकता.