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MP Narmadapuram: नर्मदा नदी की धार पर चलने वाली बुजुर्ग महिला पहुंची अपने घर, बताई हकीकत - नर्मदा पर चलने वाली महिला पहुंची अपने घर

नर्मदा की धार में कथित रूप से चलने वाली परिक्रमावासी महिला अपने गांव पहुंच गई. वहां मिलने वालों का तांता लगा है. उन्होंने बताया कि उनके पास कोई चमत्कारिक शक्ति नहीं है. ये बात सच है कि मैं पानी लेकिन चल रही थी लेकिन नदी की सतह में रेत व पत्थर थे. वह गर्दन तक पानी में पहले भी चलती रही है. उसे तैरना भी आता है. महिला का कहना है कि लोगों को बढ़ती भीड़ देखकर नर्मदा परिक्रमा बीच में छोड़ दी है.

Elderly woman walking on banks of Narmada
नर्मदा नदी की धार पर चलने वाली बुजुर्ग महिला पहुंची अपने घर, बताई हकीकत

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Published : Apr 13, 2023, 7:27 PM IST

नर्मदा नदी की धार पर चलने वाली बुजुर्ग महिला पहुंची अपने घर, बताई हकीकत

नर्मदापुरम।नर्मदा की धार पर कथित रूप से चलने वाली जिस बुजुर्ग महिला का वीडियो वायरल हुआ था, वह परिक्रमा अधूरी छोड़कर अपने घर वापस आ गई है. गांव की बुजुर्ग परिक्रमावासी ज्योति रघुवंशी ने पूरे घटनाक्रम को लेकर मीडिया से चर्चा की. उन्होंने कहा कि वह नर्मदा के किनारे चल रही थी, वहां पानी गहरा था. किसी ने वीडियो बनाया और वायरल कर दिया. जिसके कारण बड़ी संख्या में जबलपुर के आसपास गांवों के लोग मेरे पीछे-पीछे आने लगे. इससे प्रशासन के साथ ही उसे भी समस्या होने लगी.

पुलिस व प्रशासन का निर्णय माना :पुलिस और प्रशासन के कहने पर उसने निर्णय लिया और 2 दिन पूर्व मुझे घर छोड़ दिया. उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार का जादू या दैविक शक्ति मेरे पास नहीं है. सिर्फ मां नर्मदा की कृपा है. लोगों ने इसे चमत्कार मान लिया. महिला ने बताया कि 9 मई को प्रदीप मिश्रा की कथा का आखिरी भंडारा था. शिवपुराण कथा सुनने के लिए होशंगाबाद से बिना बताए चली गई थी. घर पर बता देती तो घरवाले बस या टैक्सी से करने की बोलते. नर्मदा परिक्रमा के बारे में जब उनसे पूछा गया कि जो वीडियो पोस्ट किए कि वहां पर पानी गहरा था. उन्होंने बताया कि पानी गहरा था. वहां पर पत्थर और रेत भी थी. मैं वहां पर जल में चल रही थी.

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पब्लिक पीछे पड़ गई :उन्होंने बताया कि पानी गहरा था. पब्लिक को रास्ता नहीं था. वहां पर जगह संकरी थी. जनता पीछे लगी हुई थी, अगर मैं चलती तो आगे पीछे जनता भी चलती. साथ ही दौड़ भी रही थी. लोग गिर न जाएं या फिसल न जाएं, इस उद्देश्य से मैंने जनता से बोला कि धीरे-धीरे किनारे से चलो. मैं पानी में चल रही हूं. बुजुर्ग महिला ने बताया कि मेरे पास पहले से भी लोग आते रहे हैं. जो मुझे समझ में आता कि यह खिला दो, वह खिला दो, ठीक हो जाएंगे. उन्होंने बताया कि मैं खुशी-खुशी घर आ गई. प्रशासन से पब्लिक संभल ही नहीं रही थी.

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