होशंगाबाद। जिले में कीटों सहित फसलों में कई रोगों से फसल खराब हो रही है, जिनका सीधा असर उत्पादन पर पड़ रहा है. कृषि वैज्ञानिकों द्वारा सोयाबीन में कहीं-कहीं रायजोक्टोनिया जड़ सड़न रोग, पीला मौजेक और सोयाबीन के कुछ खेतों में तना मक्खी (स्टेम फ्लाई) का प्रकोप देखा गया है.
रायजोक्टोनिया (जड़ सड़न) से बचाव
कृषि वैज्ञानिक ने बताया है कि फसलों को कीट व रोग व्याधि से बचाव की जानकारी देते हुए बताया कि, सोयाबीन फसल में रायजोक्टोनिया जड़ सड़न नाम की बीमारी लग रही ही, जिसमें सोयाबीन के पौधे पेंच अर्थात खेत के छोटे-छोटे हिस्सों में सोयाबीन के पौधे पीले पड़कर सूखने लगते हैं और पौधों को उखाड़ने पर समझ में आता है कि जड़ें सड़ गई हैं. इसकी रोकथाम के लिए 2.5 ग्राम कार्बेडाजिम नाम की दवा का प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर प्रभावित पौधों के पेंच के चारों ओर ड्रेंच करने या घोल को स्प्रेयर का नोजल खोलकर भूमि पर डालने साथ ही जल निकास की उचित व्यवस्था करने की सलाह वैज्ञानिकों द्वारा दी जा रही है.
तना मक्खी को ऐसे करें खत्म
डाक्टर अरुण चौधरी ने बताया कि फसल निरीक्षण के दौरान सोयाबीन की फसलों में कुछ स्थानों पर तना मक्खी का प्रकोप दिखाई दे रहा है, प्रकोपित पौधों को चीरकर देखने पर लार्वा दिखाई पड़ता है, प्रकोप बढ़ने पर पौधा पीला पड़ने लगता है और सूखने लगता है, इसके नियंत्रण के लिए किसान भाई लेम्ब्डासायहेलोथ्रिन प्लस थायोमेथाक्जॉम के काम्बिनेशन का 125 एमएल प्रति हेक्टेयर या क्लोरएन्ट्रानिलिपोल 18.5 एससी 125 एमएल प्रति हेक्टेयर दवा का छिड़ाकव करें.
पीला मोजैक
कुछ खेतों में पीला मोजेक का प्रभाव देखा गया है, जिसमें सफेद मक्खी के नियंत्रण के लिए लेम्डासायहेलोथ्रिन प्लस थायोमेथाक्जॉम के कॉम्बिनेशन का 125 एमएल प्रति हेक्टेयर की दर से 500 लीटर पानी में छिड़काव करें.
इस नंबर पर लगाएं फोन
फसलों को कीट व्याधि एवं रोग के प्रकोप से बचाव के लिए उपयोगी सलाह एवं समस्याओं के निदान के लिए जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष गठित किया है. फसलों को कीट व्याधि के प्रकोप से जुडी कोई भी समस्या के निदान और जानकारी के लिए कंट्रोल रूम से संपर्क कर सकते हैं. कंट्रोल रूम का संपर्क नंबर 07574-251003 है. कंट्रोल रूम में सहायक संचालक कृषि सहित अनुविभागीय कृषि अधिकारी ड्यूटी टाइम में किसानों की मदद करेंगे.