होशंगाबाद। शहर में एक फरवरी से नर्मदा महोत्सव शुरू होने जा रहा है, नर्मदा नदी को स्वच्छ बनाने के लिए आम लोगों से लेकर निशक्त बच्चे भी इस उत्सव को हर्षोल्लास से मनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं. इसी के तहत नदी में प्लास्टिक और डिस्पोजल के दीपक की जगह इस बार आटे से बने दीपक नदी में छोड़े जाएंगे. ये दीपक मछलियों के लिए खाने का भी काम करेंगे. नर्मदा महोत्सव के दौरान नदी में करीब 2000 दीपक को छोड़े जाएंगे.
नर्मदा जयंती पर नदी को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए निशक्त बच्चों ने बनाये आटे के दीपक
होशंगाबाद में मां नर्मदा के जन्म उत्सव के उपलक्ष्य में नर्मदा जयंती आयोजन 1 फरवरी को किया जाना है . नर्मदा को प्लास्टिक मुक्त रखने के लिए निशक्त बच्चों से लेकर प्रशासन तक सभी काम मे लगे हुए हैं.
इसके लिए पिछले 8 दिनों से निशक्त बच्चे दीपक बनाने में लगे हुए हैं. डॉ. एनीबेसेंट मानसिक निशक्त स्कूल में यह कार्य किया जा रहा है. बच्चों को दीपक निर्माण सिखाने वाली नीरजा फौजदार का कहना है कि पिछले 10 साल से नर्मदा जयंती महोत्सव के लिए दीपक का निर्माण किया जाता है. लेकिन इस बार विशेष रूप से आटे के दीपकों का निर्माण निशक्त बच्चों द्वारा किया जा रहा है.
नर्मदा नदी के सभी घाटों को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए होशंगाबाद के कई संगठन काम कर रहे हैं. ये संगठन भी नदी को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए आटे के दीपक बनवा रहा है, जो कि नर्मदा जयंती के महोत्सव के दौरान विसर्जित किए जाएंगे.