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नर्मदापुरम में छठ की धूम, सेठानी घाट पर डूबते सूर्य को दिया अर्घ्य, छठी मैया से सुख समृद्धि के लिए मांगा आशीर्वाद

Chhath Puja 2023: नर्मदापुरम के सेठानी घाट पर भी छठ पर्व मनाया गया. नर्मदा पुरम में रहने वाले उत्तर भारतीय परिवारों की महिलाएं सेठानी घाट पहुंची और बीच नदी में डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया. साथ ही भगवान सूर्य को तरह-तरह के व्यंजन का भोग लगाया गया.

chhath festival celebrated in Narmadapuram
नर्मदापुरम में छठ की धूम

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 20, 2023, 8:43 AM IST

Updated : Nov 20, 2023, 8:58 AM IST

सेठानी घाट पर डूबते सूर्य को दिया अर्घ्य

नर्मदापुरम। सूर्य की उपासना का महापर्व छठ पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है. वहीं, नर्मदा पुरम के सेठानी घाट पर भी छठ पर्व मनाने पहुंची महिलाओं ने बीच नदी में खड़े होकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया. छठ पर्व मनाने उत्तर भारतीय परिवार सेठानी घाट पर पहुंचे थे. बता दें कि छठ पर्व उत्तर भारतीय परिवारों में बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया जाता है. नर्मदा पुरम में रहने वाले उत्तर भारतीय परिवारों ने भी मां नर्मदा में पहुंचकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया.

बिहार का प्रमुख त्योहार है छठ: इस महापर्व के पर छठी मइया के लिए प्रसाद तैयार किया गया, जिसे खरना कहा जाता है. नर्मदा के सेठानी घांट पर चार दिनों तक चलने वाले इस छठ महापर्व पर हर दिन का खास महत्व है. मां नर्मदा के सेठानी घांट पर छठी मैया की पूजन करने पहुंचे परिवार ने बताया कि ''छठ की शुरुआत नहाए खाए से होती है. खरना का जो प्रसाद तैयार होता है उसके लिए पहले गेहूं को अच्छे से धोकर पिसवाया जाता है. छठ व्रत रखने वाले श्रद्धालु दिनभर उपवास रख कर गंगाजल लाकर खरना का प्रसाद तैयार करते हैं. खरना का प्रसाद मिट्टी के चूल्हे पर तैयार होता है. आम की लकड़ी से छठी मैया का प्रसाद बनाया जाता है. प्रसाद में गुड़ और चावल की खीर, आटे की रोटी बनाई जाती है. इस व्रत में घर के सदस्य प्रसाद बनाने में मदद करते हैं, जो लोग प्रसाद बनाने में मदद करते है वो स्नान करके ही प्रसाद बनाते है, उपवास रखते हैं, मिट्टी के चूल्हे पर बने प्रसाद का भोग लगाया जाता, चावल की बनी खीर, रोटी और केला छठी मइया को चढ़ाई जाती है. सभी घर के सदस्य हवन पूजन करके छठी मइया का आशीर्वाद लेते हैं.''

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छठी मैया का पूजन:नर्मदापुरम के सेठानी घाट पर पहुंची उत्तर भारतीय परिवारों के श्रद्धालुओं ने बताया कि चार दिन चलने वाले इस महापर्व पर छठी मैया का पूजन किया जाता है. आज डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया गया." छठी मैया की पूजा करने पहुंची महिलाओं ने बताया कि ''जिस प्रकार सूर्य उगता है, और डूबता है जीवन में भी खुशहाली आती है. इसी के चलते भगवान सूर्य को अर्ध्य दिया जाता है. इस प्रकार जीवन में भी हम सभी के सुख समृद्धि के लिए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है.'' इस त्यौहार पर मां नर्मदा में पहुंचकर सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया गया साथ ही गुड, चना, गन्ने एवं फलों के साथ व्यंजन का भोग लगाया गया.

Last Updated : Nov 20, 2023, 8:58 AM IST

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