नर्मदापुरम:पचमढ़ी के महल की रानी ने 175 साल पहले यहां मां जगदंबा की प्रतिमा की स्थापना की थी. इस सिद्ध देवी प्रतिमा के दर्शन करने आज भी बाघ आते हैं. पचमढ़ी के प्रवेश द्वार पर मां अंबे के मंदिर में नवरात्रि पर एक बार बाघ देवी के दर्शन करने जरूर आता है. यहां नवरात्रि पर अंबा माई के दर्शन करने आए बाघों को सैकड़ों लोग देख चुके हैं. अधिकांश देर रात को बाघ दर्शन करता है और मंदिर में किसी को भी नुकसान पहुंचाए. बिना जंगल में वापस चला जाता है.
नवरात्रि के दिनों में बाघ आते हैं दर्शन करने:मंदिर की सेवादार अंता बाई बताती हैं, कि मां अंबा माई हर भक्त की मुराद पूरी करती है. दंपत्ति यहां संतान उत्पत्ति की कामना के लिए आते हैं और उनकी मुराद भी पूरी होती है. कोई यहां से निराश नहीं होता. अंता बाई कहती हैं, कि मंदिर के बाहर एक चट्टान है. वहां नवरात्रि के दौरान एक बार देर रात को बाघ जरूर आता है. माता के दर्शन करके वापस चला जाता है. कई बार हमारा मंदिर के सामने बाघ से सामना हो चुका है, लेकिन माता की कृपा से वह हमें नुकसान नहीं पहुंचाता.