होशंगाबाद। हमारे देश में खेलों को आज भी करियर के रूप में नहीं देखा जाता. इसकी एक वजह भारत में सरकार की खेलों के प्रति उदासीनता भी है. गरीब बच्चों के लिए खेलों में करियर बनाना एक टेढ़ी खीर है, इसी वजह से कई बच्चे प्रतिभा होते हुए भी खेलों से दूर हो जाते हैं.
गरीब बच्चों दे रहीं वॉलीबॉल प्रशिक्षण ऐसे में होशंगाबाद के सरकारी गर्ल्स स्कूल की महिला स्पोर्ट्स ऑफिसर बख्तावर खान गरीब बच्चों के लिए वरदान बनकर आई हैं. ये गरीब बच्चों को वॉलीबॉल का निःशुल्क प्रशिक्षण देती हैं. इनके प्रयासों की बदौलत ही जिले से कई खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं.
बख्तावर खान का वॉलीबॉल के लिए जुनून ही है कि वे गरीब घर की होनहार बच्चियों को इसका प्रशिक्षण देती हैं. इनसे प्रशिक्षण ले रही कुछ लड़कियां ऐसी हैं, जिनके पिता मजदूरी करते हैं, तो कई लड़कियां ऐसी भी हैं, जिनकी मां लोगों के घरों में काम करती हैं.
रोजाना दो घंटे चलता है प्रशिक्षण
होशंगाबाद के सरकारी कन्या शाला में वॉलीबॉल का रोजाना दो घंटे प्रशिक्षण होता है. बख्तावर खान छात्राओं को कुशल खिलाड़ी बनाने के लिए लगातार मेहनत करती हैं और उन्हें वॉलीबॉल के सभी गुण सिखाती हैं. बख्तावर खान खुद भी वॉलीबॉल की राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी रही हैं और उन्होंने करीब 21 राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा भी लिया है.
पांच साल से कर रहीं है प्रयास
बख्तावर बच्चों की यह ट्रेनिंग पिछले पांच साल से करा रही हैं. इनके प्रयास से अभी तक कई निर्धन परिवार के बच्चियां कुशल वॉलीबॉल खिलाड़ी बन चुकी हैं और कई प्रतियोगिताओं में अपने उम्दा प्रदर्शन से अपने परिजनों और जिले का नाम रोशन कर रही हैं. इन सभी खिलाड़ी छात्राओं की इच्छा है कि यह देश के लिए खेलें, यही वजह है कि वे रोजाना पूरी शिद्दत से दो घंटे का समय निकालकर बख्तावर की ट्रेनिंग में पहुंचती हैं.