होशंगाबाद। चंद्र ग्रहण खत्म होने के बाद भक्तों ने नर्मदा घाट पर अल सुबह स्नान किया. इसके साथ ही भक्तों ने स्नान के बाद सावन माह के पहले दिन घाट पर स्थित शिवालयों में पूजा-अर्चना की. साल का अंतिम चंद्र ग्रहण मंगलवार की मध्यरात्रि 1 बजकर 32 मिनट से 17 जुलाई से 4 बजकर 30 मिनट तक के लिए रहा. चंद्र ग्रहण के समय सूतक काल लगता है. इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद रहे.
चंद्र ग्रहण खत्म होने के बाद भक्तों ने नर्मदा में लगाई डुबकी, स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने की पूजा-अर्चना
चंद्र ग्रहण खत्म होने के बाद ही पवित्र नदियों पर तड़के से ही भक्तों का तांता लगने लगा. श्रद्धालुओं ने नदी में स्नान के बाद पूजा-अर्चना की.
धार्मिक मान्यता के मुताबिक सूतक को अशुभ मुहूर्त माना जाता है. इस दौरान पूजा-पाठ नहीं की जाती. ग्रहण समाप्ति के बाद धर्मस्थलों को पवित्र किया गया और पूजा शुरू हुई.
ग्रहण के बाद श्रद्धालुओं ने मां नर्मदा के घाटों पर पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाकर दान पुण्य किया. ग्रहण में सभी मंदिरों को बंद कर दिया गया था और इसके पूर्ण होते ही मंदिरों में धुलाई के साथ ही पूजन-अर्चना शुरू हो गई. वहीं आज से सावन माह की शुरुआत हुई है. बता दें कि ग्रहण के बाद पवित्र नदियों में स्नान का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया गया है.