होशंगाबाद। गर्मी शुरू होते ही आगजनी की घटनाएं बढ़ने लगती हैं, ऐसे में फायर ब्रिगेड की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. इटारसी नगर पालिका के पास केवल दो ही फायर बिग्रेड हैं. ग्राम पंचायतों में भी आग बुझाने के अपने साधन नहीं हैं. जिसके चलते इन्हीं फायर ब्रिगेड को बुलाना पड़ता है. ऐसे में जब आगजनी की घटनाएं बढ़ती हैं तो केवल दो फायर ब्रिगेड के दो ही वाहन हर जगह नहीं पहुंच पाते हैं, जिससे काफी नुकसान हो जाता है.
दो जर्जर फायर ब्रिगेड पर सैकड़ों गांवों की आग बुझाने की जिम्मेदारी
इटारसी नगर पालिका के पास केवल दो ही फायर बिग्रेड हैं. वे भी जर्जर हालत में हैं. ऐसे में केवल दो दमकल गाड़ियों के भरोसे सैकड़ों गांव और शहर की लाखों की आबादी की आग से रक्षा नहीं की जा सकती है. जिसके चलते प्रशासन को इनकी संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है.
सिर्फ दो वाहनों के दम पर फायर ब्रिगेड हरदा, बैतूल, पिपरिया, बाबई, केसला के दूरस्थ अंचलों तक आग बुझाने का प्रयास करता है, इटारसी में आर्डिनेंस फैक्ट्री, सीपीई और एनएएफएस के पास एक-एक फायर वाहन हैं, लेकिन सर्वाधिक भार इटारसी नगर पालिका के पास ही होता है. नगर पालिका की वाहन शाखा के अनुसार गर्मियों के समय जब खेतों में आग लगती है तो यही वाहन हर दिन सौ से डेढ़ सौ किलोमीटर तक दौड़ते हैं. जो अप्रैल से शुरु होकर आधा जून तक चलती है.
गर्मी के मौसम में रबी की फसलों की कटाई भी होती है. जिसके बाद नरवाई में आग लगाने या दूसरी वजहों से आग लग जाती है. इस दौरान शहर से दमकल की गाड़ियां पहुंचने तक आग विकराल रूप ले लेती है और काफी नुकसान हो जाता है. पिछले साल भी शहर के उत्तर-पूर्वी गांवों में आग फैली थी. जिससे पांजराकला गांव के आठ लोगों की मौत हो गई थी. ऐसे में प्रशासन को फायर ब्रिगेड की संख्या बढ़ाने पर काम करना चाहिए. जिससे दोबारा ऐसी घटनाओं से बचा जा सके.