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गिद्धों की गणना पूरी, एसटीआर क्षेत्र में 144 गिद्ध

जिले के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में गिद्धों की गणना में 144 गिद्ध पाए गए हैं. गणना में एसटीआर के लगभग 200 कर्मचारी शामिल रहे.

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Published : Feb 8, 2021, 1:17 AM IST

vultures
गिद्ध

होशंगाबाद। होशंगाबाद वन विभाग द्वारा प्रदेश व्यापी गिद्धों की गणना वर्ष 2020-21 का अंतिम चरण रविवार को पूरा किया गया. इसके अंतर्गत सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (STR) होशंगाबाद में गिद्ध आवास स्थलों को चिन्हित किया. एसटीआर में 136 वयस्क और 8 अवयस्क गिद्ध देखे गए. इसमें 131 लॉन्ग बिल्ड गिद्ध, 2 इजिप्शियन तथा 11 व्हाइट ब्लैक गिद्ध पाए गए. वहीं पिछले साल 2019 में गिद्धों की संख्या लगभग 140 थी. इस प्रकार कुल गिद्धों कि संख्या 144 है. गणना में एसटीआर के लगभग 200 कर्मचारी शामिल रहे.

मध्यप्रदेश में हैं 7 प्रजातियों के गिद्ध

भारत की दूसरे राज्य सरकारों की तुलना में मध्यपदेश का वन विभाग ज्यादा उचित कार्रवाई कर रहा है. पृथ्वी के इकोसिस्टम के लिए गिद्ध का होना बहुत जरूरी है. क्योंकि गिद्ध एकमात्र प्राणी है जो सड़े हुए मांस को खत्म करता है. दुनिया में कुल 22 प्रजाति के गिद्ध पाए जाते हैं. वहीं भारत में 9 और मध्य प्रदेश में 7 प्रजाति के गिद्ध पाए जाते हैं. इनमें से 4 प्रजाति स्थानीय और 3 प्रजाति प्रवासी हैं, जो शीतकाल समाप्त होते ही वापस चली जाती हैं.

ऐसे की जाती है गिद्धों की गणना

गिद्धों की गणना प्रथम चरण में तब की जाती है, जब सभी प्रजाति के गिद्ध घोंसले बनाकर अपने अंडे दे चुके होते हैं या देने की तैयारी मैं होते हैं. इसी प्रकार से फरवरी माह आने तक इन घोंसलों में अंडों से नवजात गिद्ध निकल जाते हैं और वह उड़ने की तैयारी में रहते हैं. इसलिए गिद्धों की गणना करने के लिए शीत ऋतु का अंतिम समय ठीक माना जाता है, ताकि स्थानीय और प्रवासी गिद्धों की समुचित गणना हो जाए.

इन बातों का रखा जाता है ध्यान

गणनाकर्मी और स्वयंसेवक सूर्य उदय के तुरंत बाद प्रथम चरण में चयनित गिद्धों के घौंसलों के निकट पहुंच जाते हैं और घोंसले के आसपास बैठे गिद्धों एवं उनके नवजातों की गणना करते हैं. इसमें इस बात का विशेष ख्याल रखा जाता है कि आवास स्थलों पर बैठे हुए गिद्धों को ही गणना में लिया जाए और उड़ते गिद्धों को गणना में नहीं लिया जाता है. अंतिम चरण में वन विभाग के इस वर्ष कर्मियों के साथ-साथ पूरे प्रदेश के विभिन्न स्थानों से पक्षी विशेषज्ञ छात्र फोटोग्राफर और स्थानीय नागरिक इस गणना में शामिल हुए.

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