हरदा।जहां पूरे भारत में स्वच्छ भारत अभियान की मुहिम चलाई जा रही है. वहीं हरदा नगर पालिका शहर के 35 वार्डों के लगभग 18 मीट्रिक टन कचरे को मुक्तिधाम के पास डंप किया जा रहा है. जिसके चलते कचरे की दुर्गंध और धुएं से राहगीर और आसपास के क्षेत्रवासी परेशान हो रहे हैं.
कचरे के धुएं से लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा बुरा असर, बंद पड़ा है ट्रीटमेंट प्लांट
हरदा में न सिर्फ कचरे से खाद बनाने का प्लान फेल हुआ, बल्की ट्रीटमेंट प्लांट के सही से काम न करने के कारण शहर के लोगों को भी भारी समस्याओं को समना करना पड़ रहा है.
बारिश थमने के बाद इस कचरे में आग लगा दी जाती है. जिसके चलते पूरे क्षेत्र में धुआं फैल जाता है. इस पर डॉक्टरों का कहना है कि, इस जहरीले धुएं से लोगों को सांस लेने में तकलीफ के साथ हाथ पैर में दर्द होने सहित अन्य गम्भीर बीमारियां हो सकती हैं. जबकि नगर पालिका ने मुक्तिधाम के बगल में ट्रीटमेंट प्लांट बनाया है. जिससे खाद बनाकर किसानों को बेचने की प्लानिंग की गई थी. लेकिन यह प्लांट बंद पड़ा है.
बता दें कि दस साल पहले भी नगर पालिका ने 50 लाख की लागत से अपशिष्ट प्रबंधन के लिए रिछाड़िया गांव में प्लांट तैयार किया था. लेकिन उसकी मशीनें लावारिस हालत में पड़ी हुई हैं. इस समस्या को लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शिकायत भी की. लेकिन नगर पालिका उदासीन रवैया अपनाए हुए है, साथ ही मुक्तिधाम के पास आंगनबाड़ी के बच्चें यहां दुर्गंध के बीच रहकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं.