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हरदा: दो किसानों को मिला भूमि का मालिकाना हक, कृषि कानून का विरोध करने वालों की सद्बुद्धि लिए रखेंगे उपवास - PM Samman Nidhi

हरदा जिले ग्राम अबगांवकला और पिडगांव के रहने वाले दो किसानों को पीएम नरेंद मोदी के द्वारा लागू की गई स्वामित्व योजना के तहत कब्जे की भूमि का मालिकाना हक के लिए प्रमाण पत्र मिला है. दोनों किसानों ने कृषि कानून का विरोध कर रहे किसान संगठनों को सद्बुद्धि के लिए एक दिन का उपवास करने की घोषणा की है.

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दो किसानों को मिला भूमि का मालिकाना हक

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Published : Dec 25, 2020, 8:54 PM IST

हरदा। कृषि कानून को लेकर जहां एक ओर किसान संगठनों के द्वारा दिल्ली में विरोध जारी है. वहीं मध्यप्रदेश के हरदा जिले में किसान कृषि कानून को किसानों के फायदे वाला बिल बता रहे हैं. पीएम सम्मान निधि राशि वितरण के दौरान बीच मंच से हरदा जिले में स्वामित्व योजना का लाभ पाने वाले ग्राम अबगांवकला और पिडगांव के रहने वाले दो किसानों ने दिल्ली में कृषि कानून का विरोध करने किसान संगठनों और नेताओं की सद्बुद्धि के लिए एक दिन का उपवास करने की घोषणा की है. दोनों ने पीएम नरेंद्र मोदी के लिए गांवों की भूमि के मालिकाना हक के लिए बनाई गई स्वामित्व योजना से गांव के विकास के द्वार खोलने वाली योजना बताई है.

किसान को मिला भूमि का मालिकाना हक

किसानों को मिला भूमि का मालिकाना हक

जिले के ग्राम पिड़गांव में रहने वाले नर्मदा प्रसाद राठौर और ग्राम अबगांवकला निवासी किसान रामभरोसे विश्वकर्मा सालों से गांव में रह रहे थे. लेकिन उनके पास उनके कब्जे की भूमि का कोई शासकीय दस्तावेज नहीं था. जिसको लेकर वे अपना मालिकाना हक जता सके. लेकिन पीएम नरेंद मोदी के द्वारा लागू की गई स्वामित्व योजना के बाद ड्रोन से पूरे गांव का सर्वे होने के बाद स्वयं के कब्जे की भूमि का मालिकाना हक के लिए प्रमाण पत्र मिला है. इतना ही नहीं मालिकाना हक मिलने के बाद उन्हें पक्का मकान बनाने के लिए बैंक ऑफ इंडिया से एक लाख रुपए का लोन भी पास हो गया है. जिसके चलते अब गांव में वे पक्का मकान भी बना सकेंगे.

किसान को मिला भूमि का मालिकाना हक

ग्राम अबगांवकला निवासी किसान रामभरोसे विश्वकर्मा के मालिकाना हक की भूमि इंदौर से नागपुर बनने वाले फोरलेन रोड की जगह में भी आ गई है. जिसके चलते बने उक्त भूमि से करीब 21 लाख रुपए का मुआवजा मिलने जा रहा है. उनका कहना है कि यदि उनके पास मालिकाना हक नहीं होता तो आज भी कहीं के नहीं रहते. उन्होंने कृषि मंत्री कमल पटेल के समक्ष मंच से घोषणा की है कि स्वामित्व योजना से गांवों के विकास के द्वार खुल गए हैं. जिसके चलते वे अपने गांव में दिल्ली में कृषि कानून को लेकर आंदोलन करने वाले संगठनों की सद्बुद्धि को लेकर एक दिन का उपवास रखेंगे.

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